ओम प्रकाश तिवारी व राजेश राठी
लखीमपुर। लखीमपुर पुलिस ने जाली नोट का कारोबार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों की पहचान सरिफुल इस्लाम (30), साहिदा बेगम (34) और सादिकुल अली (40) के रूप में की गई है। तीनों आरोपी लालुक पुलिस थाना अंतर्गत मेनेहात के निवासी है। इस आरोपियों के पास से पुलिस ने नकद राशि के साथ ही नकली नोट छापने की मशीन, नोट छापने के लिए लाए गए पेपर के बंडल और दो मोबाइल फोन जब्त किए हैं। लखीमपुर पुलिस इन आरोपियों से अधिक जानकारी उगलवाने के साथ ही इस कारोबार में और कौन-कौन लोग जुड़े हैं इसका पता लगाने के लिए पूछताछ कर रही है।
गैरकानूनी कार्या का गढ़ है बंगालमारा
मालूम हो की लखीमपुर जिले में बंगालमारा एक ऐसा क्षेत्र है जहां ऐसा कोई गैरकानूनी काम नहीं जो ना होता हो। ताजा उद्हारण है पुलिस द्वारा नकली नोट के कारोबार का पर्दाफाश किया जाना। यह एक ऐसा इलाका है जहां पर गैर कानूनी कारोबार में लिप्त ऐसे कई लोग रहते हैं जिनकी छत्रछाया में जाली नोट का कारोबार, नकली सोने का कारोबार, ड्रग्स, सहित तमात गैर कानूनी धंधे को बड़ी आसानी से अंजाम दिया जाता है। इस इलाके में गैरकानूनी कार्यों को अंजाम दिया जाना गुनाहगारों के लिए इतना आसान है कि पुलिस को इन तक पहुंचा पाना और गिरफ्तार में लेना नामुमकिन सा है।
पुलिस से तेज है अपराधियों का नेटवर्क
गैर कानूनी काम करने वाले गिरोह का नेटवर्क इतना मजबूत है कि पुलिस प्रशासन कार्रवाई के लिए सोचती ही है कि पुलिसिया अभियान की जानकारी उनतक पहुंच जाती है। पुलिस बंगालमारा में छिपे गुनहगारों को पकडऩे हेतु निकली है कि अपराधियों को सूचना मिल जाती है। इतना ही नहीं पुलिस के कार्रवाई की पूरी रूपरेखा पहले से ही पता चल जाती है कि उक्त इलाके में कार्रवाई हेतु किस पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में कितने पुलिसकर्मी निकले हैं तथा कौन सी गाड़ी में किस रंग के कपड़े व जूते चप्पल पहन कर निकले हैं इत्यादि। सूचनाएं उक्त गिरोह के सरगना को उनके जासूसों द्वारा बिछाए गए नेटवर्क के माध्यम से पहले से ही मिल जाती है।
डिब्रूगढ़ में हुआ खुलासा लखीमपुर में चला अभियान
जाली नोट का कारोबार करने वाले इस गिरोह के किसी सदस्य ने डिब्रूगढ़ के एक व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया, जिसे इस सदस्य ने बताया कि वह उसे 50 लाख रुपए के बदले एक करोड़ रुपए जाली नोट देगा और 25 लाख के बदले 50 लाख। डिब्रूगढ़ के इस व्यक्ति ने डिब्रूगढ़ पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद डिब्रूगढ़ पुलिस ने लखीमपुर पुलिस से संपर्क किया। उसके पश्चात डिब्रूगढ़ पुलिस और लखीमपुर पुलिस की एक एक टीम लखीमपुर के खेलमती थाने के आई सी कार्तिक बसाक के नेतृत्व में संयुक्त रुप से एक अभियान चलाया। सादे पोशाक में पुलिस की टीम ग्राहक बनकर जाली नोट के लिए संपर्क करने वाले के पास पहुंची और तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस गिरोह के पास से एक जाली नोट छापने की मशीन बरामद करने के साथ ही नोट छापने के पेपर के बंडल बरामद किए, जिसपर ऊपर नीचे पांच सौ रुपए के असली नोट थे और बीच में सादे पेपर।
पहले भी जब्त हुई नकली नोट छापने की मशीन
लखीमपुर के बंगालमारा में नोट छापने की मशीन के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार करने में पुलिस की टीम को सफलता मिली, इससे एक बात तो साफ हो गया कि इलाके में जाली नोट के कारोबार को एक बड़ा गिरोह संचालित कर रहा है। लखीमपुर पुलिस अधीक्षक राजवीर सिंह के कुशल नेतृत्व में सदर थाना प्रभारी आदित्य देउरी की टीम द्वारा गुप्ता सूचना के आधार पर चलाए गए अभियान में सफलता तो मिली, लेकिन बंगालमारा में चल रहे अन्य गैरकानूनी कार्यों पर पुलिस कब तक नकेल कसने में सफल होगी या विफल यह तो आने वाला समय ही बताएगा। बंगालमारा में गैरकानूनी कारोबार को लेकर कई बार समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने के बाद आज तक बड़ी सफलता मिल नहीं पाई। नकली नोट छापने वाली मशीन तो इससे पहले भी पुलिस द्वारा जब्त की जा चुकी है लेकिन उक्त जाली नोट खरीदने व बेचने वाले गिरोह के सरगना आज भी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार अगर केंद्र व राज्य सरकार लखीमपुर के बंगालमारा इलाके की पूरी तरह घेराबंदी कर सेना और पुलिस द्वारा तलाशी अभियान अगर चलाती है तो उक्त इलाके में ऐसे कई गैर कानूनी कार्यकलापों का खुलासा होगा जिसकी कल्पना करने मात्र से ही रूह कांप उठते ह ।
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