निखिल कुमार मुंदड़ा
होजाई। होजाई के विशिष्ट समाजसेवी, राजनीतिज्ञ, असम साहित्य सभा के तृतीय विशेष वार्षिक होजाई अधिवेशन के उद्घाटन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष, स्थानीय सभी भाषा-भाषी लोगों के जनप्रिय नेता ओंकारमल अगरवाला के निधन के समाचार से उनके कर्म स्थली होजाई में शोक की लहर छा गई। अगरवाला पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष के साथ-साथ कई संस्थाओं के साथ जुड़े हुए थे। अगरवाला मृदुभाषी, मिलनसरिता वह अपनी स्पष्टवादीता के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। उन्होंने अपने युवा काल में ही राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए थे देखते ही देखते पूरे पूर्वोत्तर में अपनी पहचान बनाई। आज उनके निधन पर
होजाई जिला साहित्य सभा ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जिला साहित्य सभा के अध्यक्ष गुनेश्वर सेकिया व सचिव अनूप कुमार बरठाकुर ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए कहा की अगरवाला का निधन होजाई वासियों के लिए एक अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं। सभा ने दिवंगत आत्मा की सद्गति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है। वही मारवाड़ी पंचायत के अध्यक्ष दीनदयाल पंसारी, सचिव प्रताप क्याल, मारवाड़ी सम्मेलन होजाई शाखा के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सुरेखा व सचिव रमेश मुंदड़ा, मारवाड़ी युवा मंच होजाई शाखा के अध्यक्ष नवीन भीमसरिया व सचिव आशीष अग्रवाल, मारवाड़ी सम्मेलन होजाई शाखा के पूर्व अध्यक्ष सज्जन शर्मा, कामाख्या प्रसाद अगरवाला, विशिष्ट समाजसेवी केसर देव शर्मा, विशिष्ट व्यवसाई लावण्य अग्रवाल, राजेश केजरीवाल, प्रमोद मोर, निरंजन सरावगी, शिव शंकर बोड़ा, मनोज शर्मा, डॉ मनोज कुमार स्वामी, प्रवीण सरावगी, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक केजरीवाल, विशिष्ट समाजसेवी कमल दत्ता, डॉ पीयूष नंदी, असम नागरिक मंच के सचिव विजय चक्रवर्ती, वरिष्ठ पत्रकार अंजन पाल, नीलबगन प्रेस क्लब के अध्यक्ष बासित आलम चौधरी, कपिल उद्दीन बर्भुइया, पत्रकार सदीकुज जमान सहित हर समाज के लोगों ने अगरवाला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की सद्गति हेतु परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना की है। सब ने कहा होजाई के लिए श्री अगरवाला का योगदान हमेशा याद किया जाता रहेगा। उल्लेखयोग्य है, ओंकारमल अगरवाला पूर्वोत्तर में मारवाड़ी समाज की एक जानी-मानी हस्ती थे और वह समाज के साथ-साथ हर वर्ग के साथ तालमेल बिठा कर समाज विकास के कार्यों में काम करने में विश्वास रखते थे।
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