निखिल कुमार मुंदडा
होजई। होजाई स्थित रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में शनिवार को जूलॉजी और असमिया विभाग के सहयोग से रेशम उत्पादन, उद्यमिता और सतत विकास पर एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन आरटीयू के उपकुलपति प्रोफेसर अमलेंदु चक्रवर्ती ने किया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादमिक रजिस्ट्रार तिलक चंद्र कलिता ने किया। डॉ हेमंत राभा, सलाहकार सह नेटवर्क और भागीदारी विशेषज्ञ, ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी सीडीटीए एपार्ट, विश्व बैंक परियोजना आयुक्तालय उद्योग और वाणिज्य, असम सरकार और एमएस सयानिका डेका, प्रोजेक्ट लीड, भारतीय उद्यमिता संस्थान, आईआईई, गुवाहाटी ने इस अवसर पर संसाधन व्यक्तियों के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर अपने संबोधन में उपकुलपति डॉ अमलेंदु चक्रवर्ती ने कहा कि उत्तर पूर्व में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के बारे में विस्तार से बताया। दोनों संसाधन व्यक्तियों ने विस्तार से अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और विषय के संबंध में कई विचारों पर प्रकाश डाला।सेमिनार में लगभग 20 लोगों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
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