गुवाहाटी। गौहाटी विश्वविद्यालय की रजत जयंती उद्घाटन समारोह का शुभारंभ शनिवार को विश्वविद्यालय के विरिंचि कुमार प्रेक्षागृह में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित किया गया। 75 वर्ष के गौरवशाली इतिहास में प्रवेश कर चुके गौहाटी विश्वविद्यालय की रजत जयंती समारोह के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप विश्वविद्यालय के कुलाधिपति तथा राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी उपस्थित थे।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रताप ज्योति हैंडिक, पंजीयक डॉ. हेमंत कुमार नाथ, रजत जयंती उत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष दिलीप कुमार काकोती तथा प्रोफेसर पार्थ प्रतिम बरुवा उपास्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. मुखी ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गौहाटी विश्वविद्यालय एक अहम भूमिका निभाता है। विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर विद्यार्थी अपने सपने एवं आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं। असम में 325 कॉलेज हैं जो गौहाटी विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति हैंदिक ने कहा कि गौहाटी विश्वविद्यालय पूर्वोत्तर भारत का पहला विश्वविद्यालय है। उन्होंने विश्वविद्यालय के पहले कुलपति केके हैंडिक तथा फणीधर दत्त, शरत कुमार दत्ता को याद करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गौहाटी विश्वविद्यालय का हमेशा से अपना एक अहम स्थान रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के डिजिटल लोगों तथा रजत जयंती समारोह के लोगों का उद्घाटन किया। अगले एक साल तक इस रजत जयंती के मद्देनजर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। रजत जयंती उद्घाटन समारोह के दौरान एक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के अहम पहलुओं पर दर्शाया गया। आज के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डीन, प्रोफेसर, पूर्व विद्यार्थी, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ अन्य सम्मानित अतिथित उपस्थित थे। (हि.स.)
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