शादी की 50 वीं वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएं बीणा - आत्मा राम गर्ग
शुभकामनाएं दाता
पुत्र - पुत्रवधु
विद्या नवीन
सरोज प्रभात
विनीता आकाश
बेटी - जवांई
मुक्ता विजय
नाति - नातिन
नाव्या, प्रहस्त, विभूति झलक, प्रणति
भारत एक विभिन्नता वाला देश है जिसमें अनेक प्रकार से शादियां होती है तथा कुछेक राज्यों के समाज हर साल शादी की सालगिरह पर कोई धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं तो कोई पश्चिमी संस्कृति के अनुसार सपरिवार रिश्तेदारों एवं इष्ट मित्रों के साथ अपने एश्वर्य के अनुरूप आनंद लेने तथा अन्य लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।
खैर जो भी हो शादी की सालगिरह पर अतीत की यादें तत्कालीन रश्म रिवाज तथा कल ओर आज की समीक्षा सिर्फ पति पत्नी ही नहीं अपने परिवार के लोगों के साथ चुटकिले अंदाज में करना चाहिए ताकि बेटे बहू नाति नातिन भी आनंदित हो सकें।
जीवन में सुख दुःख निरंतर प्रक्रिया है इसलिए इसके चक्कर में ना पङते हुए सकारात्मक सोच के साथ परिस्थितियों के अनुसार ढलना ही बुद्धि मानी है। आज सिर्फ पुरानी परंपराओं का हम निर्वहन जरुर करते हैं लेकिन सही मायने में वर्तमान में जीने के लिए परिवर्तन की भी जरूरत है।
बङे भाग्यशाली वो जोङे है जो 25 वीं सालगिरह के बाद लगातार वर्ष गांठ मनाते है। ईश्वर की असीम कृपा उन शौभाग्य शाली दंपति पर होती है जो अपने जीवन के अमृत काल में पचासवीं सालगिरह मनाते है। ऐसे जोङे भी है जो लगातार 60-65 साल के बाद भी शादी की 75 वीं सालगिरह के इंतजार में है।
ईश्वर करे कि हर भारतीय अपने शादीशुदा जीवन को यादगार धर्म कर्म एवं जनहित के कार्यों के साथ बनाते हुए अपने सामर्थ्य के अनुसार समाज एवं देश के लिए कुछ ऐसा कर जाये कि आने वाली पीढियों के लिए प्रेरणा बन जाए।
मदन सुमित्रा सिंघल
पत्रकार एवं साहित्यकार
शिलचर असम
मो् 9435073653
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