गुवाहाटी। तेरापंथ धर्मस्थल में चल रही श्रीराम कथा के पांचवें दिन कथा वाचक शंभूशण लाटा महाराज ने कहा कि राम कथा हमें सही रास्ते पर चलने की सीख देती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीराम की कथा और राम का जीवन अनुकरणीय है।महाराज ने यह भी कहा कि यदि आप अपने हृदय में श्री राम का दर्शन कर लें तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा। कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि रामजी ने धनुष तोड़ दिया, सीताजी माला पहनाने लगीं, सीताजी ने श्रीराम के पैर छुए।उन्होंने कहा कि 10 हजार राजा मिलकर भी धनुष को नहीं तोड़ सके। सभी राजा अहंकार से भरे हुए थे। जिसके अंदर अहंकार है वह कुछ नहीं कर सकता। जो राजा आक्रमण की तैयारी कर रहे थे वे भगवान परशुराम को देखकर कांपने लगे। रामजी ने हाथ जोड़कर परशुरामजी से कहा कि प्रभु, मैंने इस घनुष को तोड़ दिया है। कथावाचक ने परशुरामजी के क्रोध की अग्नि में प्रवेश का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि क्रोध व्यक्ति का विवेक छीन लेता है। इस दौरान कुछ पल के लिए अच्छे-बुरे का फर्क भूल जाता है।इसलिए जीवन में गुस्से पर काबू पाना बहुत जरूरी है। इस दौरान राम विवाह महोत्सव मनाया गया। राम विवाह के अवसर पर विवाह उत्सव में विवाह गीतों पर दर्शकों ने जमकर नृत्य किया। जीव का आत्मा ही राम है।कल की कहानी निर्वासन और कठिनाइयों के मुद्दे पर प्रकाश डालेगी। आज के यजमान निर्मल चौधरी व स्नेहा चौधरी ने मंच पर पूजा करायी।
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राम कथा हमें सही रास्ते पर चलने की सीख देती है: शंभू शरण लाटा जी
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