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डिब्रूगढ़ में शंकराचार्य अधोक्षजानन्द महाराज की प्रेस कांफ्रेंस

 


डिब्रूगढ़ से संदीप अग्रवाल

अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शंकराचार्यों के भाग नही लेने की अफवाहों का खंडन करते हुए भगवान श्री आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज ने आज डिब्रूगढ़ के नलियापुल स्थित अलखिया गणेश मंदिर परिसर में आयोजित एक संवादमेल में पत्रकारों से कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शंकराचार्य भाग नहीं लेंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि चारों शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के विरोधी हैं। शंकराचार्य स्वामी देवतीर्थ ने इस बात पर अप्रसन्नता जाहिर की है कि कुछ अधार्मिक तत्व निजी स्वार्थवश शंकराचार्य का नाम लेकर हिंदू समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के प्राकट्य स्थल पर साढे पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद भव्य मंदिर बनकर तैयार है, जहां प्रभु फिर से विराजमान होंगे। यह हर भारतीय के लिये गौरव की बात है। शंकराचार्य स्वामी देवतीर्थ ने कहा कि वे अपनी शुभकामना प्रदान करते हैं भक्तों को प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त हो। शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक महान नेता हैं। विश्व के सर्वश्रेष्ठ नेताओं में एक हैं। वे भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का भगीरथ प्रयास कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले उन्होंने वैदिक परंपरा के अनुसार महाअनुष्ठान पंचवटी से प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव अति शुभ मुहूर्त में हो रहा है। जो शास्त्र सम्मत है। मुझे विश्वास है कि यह कार्यक्रम भव्यता और दिव्यता के साथ पूर्ण होगा। यह ऐतिहासिक और महामंगलमय अवसर है। शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि वे आम जनमानस को लगातार संदेश दे रहे हैं कि यह एक ऐतिहासिक कार्य संपन्न हो रहा है। इसके लिये विगत साढे पांच सौ वर्षों में हजारों लोगों ने बलिदान दिया। अब यह गौरवमयी क्षण आया है। देश वासियों के लिये यह सौभाग्य की बात है। सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनें। सभी अपने अपने घरों में रामनाम का संकीर्तन करें और दीप प्रज्वलित कर उत्सव मनायें। शंकराचार्य जी भी समय आने पर अयोध्या धाम पहुंचकर प्रभु श्रीराम का दर्शन पूजन करेंगे।

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