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सीएए लागू होते ही असम में विरोध प्रदर्शन शुरू, विपक्ष ने की राज्यव्यापी 'हड़ताल' की घोषणा

 

असम में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार (11 मार्च) को गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) की प्रतियां जलाईं.


असम के 16-पक्षीय यूनाइटेड अपोजिशन फोरम (UOFA) ने चरणबद्ध तरीके से अन्य आंदोलनात्मक कार्यक्रम शुरू करने के अलावा मंगलवार (12 मार्च) को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की. उसने कहा, ''हम सीएए के खिलाफ अपना अहिंसक, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखेंगे.'' 



न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसके साथ ही एएएसयू सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने बताया सीएए के खिलाफ उनकी कानूनी लड़ाई भी जारी रहेगी. भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि असम और पूर्वोत्तर के मूल निवासी सीएए को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.


समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि मंगलवार (12 मार्च) को नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट आर्गनाइजेशन (NESO) की ओर से क्षेत्र के सभी राज्यों की राजधानियों नें सीएए की कॉपी जलाई जाएंगी. उन्होंने कहा, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और 30 संगठन भी असम में मशाल जुलूस निकालेंगे और अगले दिन से सत्याग्रह शुरू करेंगे.


डिब्रूगढ़ में एएएसयू सदस्यों की पुलिस के साथ उस समय झड़प हो गई जब उन्हें शहर के चौकीडिंगी इलाके में उनके कार्यालय से जुलूस निकालने से रोकने की कोशिश की गई. एएएसयू की नलबाड़ी जिला इकाई ने एक विरोध रैली निकाली और स्थानीय नगर निगम बोर्ड कार्यालय के सामने कानून की प्रतियां भी जलाईं.


यूओएफए ने मंगलवार को राज्यव्यापी 'हड़ताल' का आह्वान किया है. इसके महासचिव और एजेपी अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने यह बात कही. उन्होंने कहा, ''हम मंगलवार को हड़ताल के अपने कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ रहे हैं... जैसा कि पहले घोषणा की गई थी, हम राज्य सचिवालय के घेराव सहित अन्य विरोध प्रदर्शन भी करेंगे.''

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