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रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह संपन्न

 


दूसरे दीक्षांत समारोह में 540 स्नातकों को उपाधियाँ प्रदान की गईं


बेटियां आगे बढ़ेगी, तभी देश आगे बढ़ेगा: राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य


रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एक अग्रणी शिक्षा संस्थान की भूमिका निभाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लेकर आएगा: प्रोफेसर नानी गोपाल महंत


होजाई से रमेश मुन्दडा

होजाई। होजाई स्थित रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय का दूूसरा दीक्षांत समारोह का आयोजन आज महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव क्षेत्र( विश्वविद्यालय के पुराने परिसर) में किया गया। जिसमें असम के राज्यपाल व‌ रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति लक्ष्मण प्रसाद आचार्य उपस्थित थे। वहीं गुवाहाटी विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रोफेसर नानी गोपाल महंत विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उक्त समारोह में राज्यपाल ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन विद्यार्थियों के लिए त्यौहार है। आज उनके परिश्रम सही मायने में सफल हुआ है। उन्होंने कहा छात्र-छात्राओं से अधिक खुशी उनके माता-पिता व गुरुजनों को होगी, छात्रों की सफलता के पीछे माता-पिता व गुरुओं की अहम भूमिका होती है। ‌ 


राज्यपाल ने आगे कहा यह विश्वविद्यालय सामान्य नहीं है, यह कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर है और सभी विद्यार्थियों को हर समय यह याद रखना चाहिए कि उनकी वजह से विश्वविद्यालय का नाम कभी खराब ना हो। उन्होंने आगे कहा सिर्फ किताब पढ़ने से कोई महान नहीं बनता महान बनने के लिए लोगों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना पड़ता है। हमें अपनी पढ़ाई का मान रखते हुए हमे देश की उन्नति में अहम भूमिका निभाने होगा। उन्होंने कहा हमारी भारतीय संस्कृति वासुदेव कुटुंबकम की है, व हमें ऐसा ही संदेश देती है। वहीं उन्होंने आगे महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि आज उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं आज इस दीक्षांत समारोह में भी ज्यादा से ज्यादा संख्याओं में लड़कियों ने डिग्रियां हासिल की जो की सराहनीय है उन्होंने कहा कि बेटियां आगे बढ़ेगी तभी तो देश आगे बढ़ेगा।


राज्यपाल ने यह भी कहा की पढ़ाई का अर्थ यह नहीं हुआ कि हम जीवन में नौकरी हासिल करें हमें अपने शिक्षा के बल पर आत्मनिर्भर होकर हमें दूसरों की नौकरी देनी चाहिए। वह सही शिक्षा कहलाएगी।


वही विशेष अतिथि प्रोफेसर नानी गोपाल महंत ने अपने संबोधन में विस्तार से रविंद्रनाथ टैगोर के शिक्षा दर्शन पर अपने विचार रखें। उन्होंने जोर देते हुए कहा है कि रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एक अग्रणी शिक्षा संस्थान की भूमिका निभाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लेकर आएगा। उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के मूल्यों को आजीवन अपने जीवन में अपनाते हुए आगे बढ़े। वहीं अंत में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई भी महत्वपूर्ण होती जा रही है। वही विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रोफेसर मानवेंद्र दत्त चौधरी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए गर्व का दिन है। उन्होंने कहा कि रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एक उदाहरण है कि कैसे एक शिक्षा संस्थान के शिक्षकों व विद्यार्थियों के निरंतर कड़ी मेहनत के बल पर आगे बढ़ सकता है। उन्होंने आगे कहा कि यह विश्वविद्यालय एक ऐसी जगह स्थित है जो की भारत की विभिन्नता में एकता की एक झलक है। 


गौरतलब है, असम सरकार ने उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए होजाई महाविद्यालय को विश्वविद्यालय में उन्नतिकरण करने के लिए 2017 में रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय अधिनियम XXXIV लागू किया था। उल्लेखनीय है कि होजाई महाविद्यालय की स्थापना 11 जुलाई ,1964 को स्थानीय जागरूक लोगों के संरक्षण में हुआ था। वहीं रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय अधिनियम 16 अक्टूबर,2017 को लागू हुआ था। 


दूसरे दीक्षांत समारोह में, गुवाहाटी विश्वविद्यालय के असमिया विभाग के प्रोफेसर, प्रतिष्ठित साहित्यकार उपेन राभा हकाचम को असमिया भाषा और संस्कृति में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए 'लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया गया। उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और एक लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया गया।


गौरतलब है कि दूसरे दीक्षांत समारोह में 540 स्नातकों को उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 459 स्नातक (यूजी) छात्र और 81 स्नातकोत्तर (पीजी) छात्र शामिल थे। इनमें से तीन उत्कृष्ट छात्रों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में देबराज रॉय (स्नातकोत्तर टॉपर, प्राणि विज्ञान, 2024 बैच), सुश्री सुस्मिता देबनाथ (स्नातकोत्तर टॉपर, 2024 बैच बंगाली विभाग) और सुश्री रुजुमा बेगम (स्नातकोत्तर टॉपर, 2024 बैच प्राकृतिक विज्ञान विभाग, रसायन विज्ञान) शामिल थे। समारोह की शुरुआत में राष्ट्रगान और असम के राज्य गीत (ओ मुर अपुनर देश) के गायन के साथ समारोह की शुरुआत हुई। 


वहीं राष्ट्रगान के गायन के साथ दीक्षांत समारोह का समापन हुआ। समारोह के दौरान पंजाब और चंडीगढ़ के वर्तमान राज्यपाल और असम के पूर्व राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया द्वारा रवींद्रनाथ विश्वविद्यालय को भेजे गए शुभकामना संदेश को भी पढ़ा गया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के दिन प्रोफेसर कौशिक चंदा ने किया।


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