गुवाहाटी - हमारा देश भारतवर्ष ऋषि-मुनियों व संत महात्माओं का देश है। जिनके जीवन के आदर्श हमारी धरोहर बन जाते हैं। उन महात्माओं के जीवन से संबंधित दिन पर्व बन जाते हैं, पर्व और संयम का चोली-दामन का साथ है। आज हमारे सामने एक ऐसे संत हैं जिन्होंने अपनी संयम साधना के 50 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं और आज प्रत्येक जन उनकी इस साधना के उपलक्ष्य में स्वर्णिम संयम महोत्सव मना रहा है। जिस प्रकार बिना ब्रेक की गाड़ी का कोई महत्व नहीं उसी प्रकार बिना संयम के मनुष्य जीवन का कोई औचित्य नहीं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए श्री दिगंबर जैन महिला समिति द्वारा संयम यात्रा का अभियान प्रारंभ किया जिसके अंतर्गत सैकड़ों महिलाओं बच्चों ने अपना योगदान संयम लेकर किया। किसी ने आजीवन तो किसी ने वार्षिक मासिक दैनिक इस प्रकार खानपान का संयम वस्त्र आभूषण का संयम दूसरों की सहायता का संकल्प लिया। इस प्रकार के नियमों से प्रकृति का संरक्षण होता है पर्यावरण बनता है। आचार्य विद्यासागर जी को शत शत नमन। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती फूलमाला पाटनी, वीणा बगड़ा, संगीता गंगवाल, कौशल्या छाबड़ा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सचिव रेखा ने सबको धन्यवाद दिया। इसकी जानकारी समिति की अध्यक्षा रत्नप्रभा सेठी द्वारा दी गई।
*** राइज प्लस या इस खबर से सम्बंधित टिप्पणियाँ आप निचे लिख सकते है, धन्यवाद - संपादक ***
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें