मेघालय के पूर्व राज्यपाल आर एस मुसाहारी रहे मुख्य अतिथि
गुवाहाटी - कठिन परिश्रम का फल हमेशा अच्छा फलदायी होता है। जब डॉ. वीपी तोदी मेघालय के एडवोकेट जॅनरल थे उस समय में मेघालय का राज्यपाल था अत: हमारा हमेशा सरकारी कार्यवश मिलना होता था। इनकी पुस्तक रोजेज एंड थोर्न्स का विमोचन कर मुझे काफी खुशी हो रही है। ये बातें मेघालय के पूर्व राज्यपाल व असम पुलिस के पूर्व डीआईजी आरएस मुसाहारी ने डॉ. वीपी तोदी द्वारा लिखित पुस्तक रोजेज एंड थोर्न्स के विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कहीं। इससे पहले पुस्तक के लेखक व मेघालय के अवकास प्राप्त एडवोकेट जॅनरल वीपी तोदी ने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें कानूनविद का क्या महत्व होता हैं तथा उन्हें किन परिस्थतियों में किस तरह से काम करना चाहिए यह वर्णन है। कानून को कई बार सख्त होना चाहिए। इस विषय पर भी पुस्तक में उल्लेख किया है।
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तोदी ने पुस्तक को लिखने की वजह बताते हुए कहा कि देखने में यह मेरी आत्म जीवनी लगती है, मगर यह आत्म जीवनी न होकर मेरे संघर्ष की कहानी है। मेरे सारे सहकर्मी हमेशा मेरे संघर्ष को सुनकर उसे पुस्तक के रूप में लिखने की सलाह देते थे, तब मैंने अपनी आपबीती पुस्तक के रूप में लिखने की सोची। मैंने कभी हार नहीं मानी और जो बात तकलीफ की थी उसे लिख दिया। आत्मविश्वास और आत्म सम्मान नहीं हो तो हम कभी भी गिर सकते हैं। भगवान पर अगर विश्वास हो तो कोई भी ताकत हिला नहीं सकती। हंसी-मजाक से तनाव दूर कर खुश रहिए। तकलीफ को भगवान की देन समझकर स्वीकार कर लेना चाहिए। ग्यारह साल तक मेघालय में एडवोकेट जॅनरल का दायित्व पूरा करने के बाद उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सरकारी काम को कभी भी नजरअंदाज करके कम नहीं आंकना चाहिए। सरकारी पद पर आते ही पूरे राज्य का दायित्व आप पर आ जाता है। मेरे सरकारी काम को जनता देख रही है। अत: ज्यादा दिन जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। न्याय जनता को सुरक्षा देता है। अत: न्याय को सर्वोपरि समझना चाहिए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए असम के मुख्य सूचना आयुक्त एचएस दास ने कहा कि कानूनविद को यह पुस्तक पढऩी चाहिए। गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीडी अग्रवाल ने कहा कि डॉ. तोदी ने अपने संघर्षमय जीवन को पुस्तक में उतार कर एक नया आयाम स्थापित किया है। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व डॉ. तोदी ने पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर डॉ. तोदी का पोता पनव तोदी भी मंच पर उपस्थित था। इसके अलावा असम के एडवोकेट जॅनरल डॉ. आर बरपात्र गोहाईं, वरिष्ठ अधिवक्ता एचआर ए चौधरी, डीपी चलिहा, एनसी दास भी उपस्थित थे। डॉ. अंकित तोदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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