गुवाहाटी। गुरु नानकदेव ने भाईचारे का संदेश पूरे विश्व में देने के लिए अपनी पूरी जिंदगी खपा दी थी। जातिवाद को समाप्त करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया था। उन्होंने कभी भी दूसरों के हक को नहीं रखने की हिदायत दी थी। अपनी ईमानदारी की कमाई को जरूरतमंदों में खर्च करने की बात भी कही थी। यह बातें असम व मिजोरम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने गोपीनाथ नगर स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में सिख धर्म के संस्थापक गुरु श्री गुरु नानक जी की 550वीं जन्म जयंती के उपलक्ष में आयोजित गुरमत समागम में कही। उन्होंने आगे कहा कि उनके भाई चारों के आदर्श को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने फैसला किया है की उनकी 550वीं जन्म जयंती पूरे हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भाईचारा दिवस के रूप में मनाई जाएगी। इसके लिए अलग-अलग देशों में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। सिख प्रतिनिधि बोर्ड पूर्वोत्तर क्षेत्र धुबड़ी के सौजन्य से श्री अकाल तख्त साहिब, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, श्री अमृतसर साहिब और उत्तर-पूर्व सिख संगत के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय गुरमत समागम का आयोजन किया गया है। आज तीसरे दिन इस कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति व अमृतसर साहिब के अध्यक्ष गोविंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि असम में बसें कई पंजाबी परिवार यहां की संस्कृति वह भाषा में भी रच बस गए हैं। उन्हें गुरुमुखी भाषा का ज्ञान नहीं रह गया है। अतः गुवाहाटी में एक पंजाबी स्कूल की स्थापना करके उसमे गुरुमुखी भाषा की शिक्षा दी जाएगी साथ ही छात्रावास का निर्माण कर उसमें छात्रों के लिए सारी सुविधाएं दी जाएगी। समारोह के मुख्य अतिथि श्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसर साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि आज संसार के हर कोने में हिंसा का बोल बाला चल रहा है। गुरु नानक देव की वाणी को सुनकर उसे चरितार्थ करें तो हिंसा अपने आप ही कम हो जाएगी। समारोह में विशिष्ठ अतिथि के रूप में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अमृतसर साहिब के महासचिव डॉक्टर रूप सिंह, धर्म प्रचार कमेटी के सचिव प्रोफेसर बलविंदर सिंह, श्री हरमंदिर साहिब व अमृतसर साहिब के प्रबंधक सरदार जसविंदर सिंह दिनपुरा, शिरोमणि डेरा नांगली साहिब पूंछ जम्मू कश्मीर के महंत मनजीत सिंह, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के कार्यकारिणी सदस्य सरदार सुख वर्ष सिंह पन्नू, अंतरराष्ट्रीय सिख फेडरेशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह खालसा, जम्मू कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के चेयरमैन त्रिलोचन सिंह वजीर उपस्थित थे। इन सबको सिरोपा, कृपाण, शाल और फूलाम गमछा से सम्मानित किया गया। समारोह में पूर्वोत्तर भारत के सभी गुरुद्वारे के प्रमुखो ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। धुबड़ी साहिब के मुख्य सलाहकार सरदार सतनाम सिंह खालसा, महासचिव सरदार कुलवंत सिंह, शिलांग गुरुद्वारे की अध्यक्ष जत्थेदार जोगिंदर सिंह व सुरेंद्र सिंह, बेलतला गुरुद्वारे की अध्यक्ष कुलविंदरसिंह, महासचिव सुरजीत सिंह, पूर्व अध्यक्ष गुरमीत सिंह, लाल माटी गुरुद्वारे की अध्यक्ष सरदार रंजीत सिंह, महासचिव बहादुर सिंह फैंसी बाजार गुरुद्वारा के सलाहकार एलपी सिंह, संयुक्त सचिव गुरप्रीत सिंह उप्पल, उपाध्यक्ष दलबीर सिंह, दिसपुर गुरुद्वारा के महासचिव साहिब सिंह ने अपना सहयोग दिया। फैंसी बाजार गुरुद्वारा के प्रधान सरदार सुरजीत सिंह ओबराय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुखविंदर सिंह गोल्डी, संयुक्त सचिव गुरु प्रीत सिंह उप्पल और दिलीप सिंह वीरका और परमजीत सिंह भसीन ने भी अपना अमूल्य सहयोग दिया।
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