डिमा हसाउ (असम) । जिले को दो भागों में बांटकर दो अलग-अलग जिला बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को एनसी हिल्स इंडीजिनस पीपुल्स फोरम के अनिश्चितकालीन बंद के दौरान बंद समर्थकों और पुलिस के बीच जगह-जगह हिंसक झड़पें हुईं। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की।
बंद समर्थकों ने जगह-जगह कई वाहनों में तोड़फोड़ की। बंद समर्थकों ने जिला मुख्यालय शहर हाफलांग के सिनोड रोटरी के समीप पुलिस के वाहन पर हमला बोल दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले दागे और कई राउंड हवाई फायरिंग की, जिसमें कई बंद समर्थक घायल हो गए। इस दौरान कुछ बंद समर्थकों ने एक वाहन को आग के हवाले कर दिया। हालात के मद्देनजर जगह-जगह बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। कुल मिलाकर हाफलांग में हालात गंभीर बने हुए हैं।
जिला पुलिस अधीक्षक गोगोई ने बताया कि बंद के दौरान किसी भी तरह की कोई हिंसात्मक घटना न घटे इसको लेकर पुलिस प्रशासन नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि कोई बंद समर्थक शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिश करते पाया गया तो पुलिस उसके साथ कड़ाई से निपटेगी। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत 06 फरवरी को इंडिजीनस पीपुल्स फोरम ने अलग जिला की मांग को लेकर 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। इस दौरान डिमा जनसमुदाय के साथ बंद समर्थक नगा, कुकी और मार जनजाती संगठनों के साथ झड़प हो गई थी। इस घटना से नाराज फोरम ने मंगलवार से अनिश्चितकाल के लिए डिमा हसाउ जिला बंद का आह्वान किया है।
जिलाधिकारी अमिताभ राजखोवा और पुलिस अधीक्षक वीरबिक्रम गोगोई ने बंद का आह्वान करने वाले संगठन से हाईस्कूल और हाई मदरसा की परीक्षाओं का हवाला देते हुए बंद को वापस लेने को कहा था। जिला प्रशासन ने आगामी दस दिन के अंदर राजधानी गुवाहाटी में सरकार के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कराने का आश्वासन भी दिया था। इसके बावजूद फोरम ने आंदोलन वापस नहीं लिया। बंद को वापस लेने का आह्वान ज्वाइंट कॉआर्डिनेशन कमेटी ने भी किया था लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ।(हि.स.)
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