नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। जयशंकर ने मांग की है कि अगर गुजरात से उनके राज्यसभा निर्वाचन को चुनौती देने वाली अर्जी दाखिल होती है, तो कोर्ट किसी नतीजे से पहले उनके पक्ष को भी सुने।
पिछले दिनों गुजरात हाईकोर्ट ने जयशंकर और जुगल ठाकोर के निर्वाचन को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज कर दी थी। दरअसल कांग्रेस की आपत्ति जुलाई 2019 में दोनो सीटों पर अलग अलग-अलग चुनाव कराने के आयोग के फैसले को लेकर है। अलग-अलग चुनाव होने के चलते दोनों सीटों पर भाजपा को जीत मिल गई, क्योंकि वहां प्रथम वरीयता वोट नए सिरे से तय हुए। दोनों सीट पर एक साथ चुनाव होते तो कांग्रेस को एक सीट मिल सकती थी।
कैविएट क्या होता है
किसी व्यक्ति द्वारा अदालत से आप के विरुद्ध अचानक कोई आदेश लाने की आशंका होने पर कैविएट की अर्जी डाली जाती है ताकि आपको पूर्व सूचना मिल सके कि आपके विरुद्ध क्या अरजी डाली जा रही है। आपको आपके विरुद्ध डाली जा रही अर्जी की प्रति लिपि भी भेजी जाती है। किसी व्यक्ति को इस तरह की भी आशंका हो सकती है कि किसी मामले को ले कर उस के विरुद्ध किसी न्यायालय में कोई वाद या कार्यवाही संस्थित करके अथवा पहले से संस्थित किसी वाद या कार्यवाही में उसकी अनुपस्थिति में कोई आवेदन प्रस्तुत कर कोई आदेश प्राप्त किया जा सकता है। उस स्थिति में अदालत में खुद व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 148-अ के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया जाता है। इस आवेदन को कैविएट कहा जाता है।(हि.स.)
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