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रेलवे परियोजनाओं के हुए निर्माण कार्यों का नहीं हुआ भुगतान


            इरिपा की देशव्यापी टूल डाउन हड़ताल 6 को

गुवाहाटी। इंडियन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (इरिपा) की ओर से आगामी 6 मार्च को रेलवे से जुड़ीं सभी कंस्ट्रक्शन व सप्लायर्स कंपनियां राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने जा रही हैं। न चाहते हुए भी हमें यह करना पड़ेगा क्योंकी हम जैसे छोटे छोटे ठेकदारों को उनका बकाया भुगतान भारतीय रेल पिछले 4-5 महीनों से नहीं कर रहा है। यह बाते इरिपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश कुमार ने कही बुधवार को आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में कही।
उन्होंने कहा की रेलवे कॉन्ट्रैक्टर्स का 25 हजार करोड़ रुपया बकाया है। एनएफ रेलवे की बात करे तो केवल इस जोन में करीब एक हजार करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान होना बाकी हैं। इनमें अधिकांश छोटे छोटे यहां के स्थानीय ठेकदार है। उन्होंने कहा की कुछ दिन बाद होली है और
अगले महीने असम का सबसे बड़ा त्यौहार रंगाली बिहू है। ऐसे में हम जैसे ठेकदारों के समक्ष मारने वाली स्थिती उत्पन्न होने लगी हैं। क्योंकि रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं के करोडो का भुगतान नहीं हुआ है। जाहिर है कि श्रमिकों और स्टाफ कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है। निर्माण साइट्स पर इस्तेमाल होने वाली मशीनरी और सीमेन्ट व लोहे और अन्य रॉ मैटेरियल के सप्लायर्स को भी हम पैसे नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में निर्माण कार्य करना संभव नहीं हो रहा है। रेलवे प्रशासन कह रहा है कि उसके पास देने के लिये पैसा नहींं है। देश भर में रेलवे के सभी 16 जोनों और 62 डिवीजनों में एक जैसा हाल है और कॉन्ट्रैक्टर्स तबाही के कगार पर पहुंच रहे हैं। बिलों का भुगतान न होने की वजह से कॉन्ट्रैक्टर्स को बैंकों से लिये कर्ज की किश्तें चुकता करना संभव नहीं हो पा रहा है। आजादी के बाद से अब तक रेलवे का ऐसा बुरा हाल कभी नहीं रहा। कॉन्ट्रैक्ट्स की शर्तों के अनुसार निर्माण परियोजनाओं और सुविधा सप्लाई के बिलों का एक महीने के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए। इस समय हालत यह है कि 4-5 महीने से कोई भुगतान लगभग नहीं किया जा रहा है। आपको बताना जरूरी है कि ढाई साल पहले जीएसटी लागू किये जाने पर सरकार ने पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स पर भी बढ़ी दरें देने का कॉन्ट्रैक्टर्स को फरमान जारी किया था। इसके विरोध में देशभर के रेलवे कॉन्ट्रैक्टर्स ने राष्ट्रीय संगठन आईआर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (इरिपा) का गठन कर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया था और करीब 2 महीने टूल डाउन स्ट्राइक कर निर्माण कार्य रोके रखे थे। इस हड़ताल के जवाब में सरकार ने इरिपा को लिखित भरोसा दिया था कि पुराने कॉन्ट्रैक्टस पर बढ़ी दरों से लिये जाने वाले टैक्स का न्यूट्रलाइजेशन किया जाएगा। ढाई साल में तकरीबन 20 प्रतिशत निर्माण कंपनियों की रकम ही न्यूट्रलाइज की गई है। 
इन तमाम दुश्वारियों को लेकर गत 22 फरवरी को जबलपुर में इरिपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर के कॉन्ट्रैक्टर्स ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इरिपा के कोषाध्यक्ष विक्रम डीडवानिया ने बताया कि आंदोलन के तहत 6 मार्च 2020 को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी और इस दिन युवती देश में किसी भी साइट पर किसी भी रेल परियोजना का निर्माण कार्य नहीं होगा और रेलवे को किसी भी तरह की सुविधा देने का कार्य नहीं किया जाएगा। सांकेतिक हड़ताल के दिन दिल्ली समेत देश के सभी जोनल व डिवीजन कार्यालयों पर रेलमंत्री व रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को सम्बोधित ज्ञापन दिये जाएंगे, जिसमें मुख्य मांग होली के त्यौहार से पहले कॉन्ट्रैक्टर्स के बकाया बिलों का भुगतान करने की होगी। यदि सरकार ने सांकेतिक हड़ताल को गंभीरता से नहीं लिया तो पूरे देश में रेल परियोजनाओं की साइट्स पर कांट्रैक्टर्स, उनके इंजीनियर्स, श्रमिक और स्टाफ कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और अपने विरोध को प्रदर्शित करेंगे। यदि फिर भी सरकार नहीं चेती तो इरिपा सर्वसहमति से कोई कड़ा निर्णय लेगी और ढाई साल पहले की तरह एक बार फिर कॉन्ट्रैक्टर्स निर्माण साइटों पर अनिश्चितकाल के लिये चक्का जाम करेंगे। पूर्णकालिक हड़ताल की तिथि इरिपा के सभी जोन व डिवीजन कमेटियां मिलकर तय करेंगी। हमें उम्मीद है कॉन्ट्रैक्टर्स की परेशानी और उनकी मांग सरकार के कानों तक पहुंचेगी और सरकार कोई सकारात्मक पहल करेगी। पत्रकार सम्मेलन में इरिपा के कार्यकारी सदस्य पीके वैश्य अमित बोरगोहाई सहित बड़ी संख्या में अन्य ठेकेदार मौजूद थे।

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