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असम में नया क्षेत्रीय राजनीतिक दल असम जातीय परिषद का गठन

राइज प्लस न्यूज़ डेस्क

गुवाहाटी। अखिल असम छात्र संस्था और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद के संयुक्त प्रयासों से गठित असम जातीय परिषद नामक क्षेत्रीय राजनीतिक दल की आज औपचारिक रूप से गठन की घोषणा कर दी गई। इस दल क आहवायक बसंत डेका ने गुवाहाटी की एक होटल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए पूर्व मंत्री जगदीश भुंया को राज्य समन्वयक नियुक्त किया। श्री डेका ने संवाददाताओं को बताया कि 25 जिलों में सांगठनिक काम को अंजाम देते हुए कई जिलों में जिला प्रमुखों की नियुक्ति भी कर दी गई। जिसमें एमएस बरभुया को बराक जिला का, चितरंजन बसुमतारी को जोनाई, धेमाजी और डिब्रूगढ़ का, हरेन सुतिया को लखीमपुर का और राजू फूकन को गोलाघाट, जोरहाट से शिवसागर का दायित्व सौंपा गया है। 30 अक्टूबर तक 3 जिलों में सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएगी। कल मंगलवार से सदस्यता भर्ती अभियान भी शुरू कर दिया जाएगा। दल के कामकाज पर नजर रखने के लिए एक स्थाई कमेटी का भी गठन किया गया जो दल की सारी गतिविधियों पर नजर रखेगी। राजनीतिक दल का नारा घोरे घोरे आमी यानी घर-घर में हम रहेगा। दल में युवा पीढ़ी को आगे लाकर उनको प्राथमिकता दी जाएगी। इस दल में सभी जन गोष्ठियों के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। नवंबर के प्रथम सप्ताह में राजनीतिक अधिवेशन के साथ ही सारी गतिविधियां पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी। डेका ने आगे बताया कि कृषक मुक्ति मुद्दे पर महत्वपूर्ण विचारों को एक होना ही होगा जो दल का एक लक्ष्य है। हमारा दल चुनाव के समय में ही नहीं बल्कि हर समय हम जनता के बीच रहेंगे। कोई भी सदस्य अपनी इच्छा अनुसार दल की सदस्यता व जातीयतावाद को छोड़ नहीं सकेगा। संवाददाता सम्मेलन में आसू और एजे वाईसीपी के कई छात्र नेता भी उपस्थित थे। उक्त घोषणाएं नए राजनीतिक दल के सलाहकार कृष्ण गोपाल भट्टाचार्य, बसंत डेका, राजू फूकन, जगदीश भईया , हरेन सुतिया द्वारा की गई।

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