ओम प्रकाश तिवारी व राजेश राठी
पॉजिटिव पाए जाने के दूसरे दिन महावीर प्रसाद शर्मा का निधन
3 किलोमीटर की दूरी तय करने पर निजी एंबुलेंस का भाड़ा 14000 रुपया
लखीमपुर। लखीमपुर में करोना संक्रमित मरीज की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है इसके साथ ही साथ करोना के संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार विधि होते जा रही है। आम तौर पर देखा जा रहा है कि लखीमपुर में करोना संक्रमण के विकट परिस्थिति मे आम लोगों के लिए आवश्यक सामग्री मुहैया करवाने में जुटे व्यापारी वर्ग ज्यादातर कोरोना की चपेट में आ रहे हैं । कल विगत रात्रि लखीमपुर के ठाकुरबारी निवासी महावीर प्रसाद शर्मा (60) का निधन भी कोरोना के संक्रमण के कारण हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार महावीर प्रसाद शर्मा गत 10 सितंबर को शारीरिक रूप से अस्वस्थता का अनुभव करने के पश्चात लखीमपुर सरकारी अस्पताल में जाकर अपना करोना संक्रमण की जांच करवा कर आये। करोना के रैपिड टेस्ट में उन्हें पॉजिटिव पाया गया ।पॉजिटिव आने के पश्चात नियमानुसार उन्हें घर पर एकांतवास में रहने की अनुमति दी गई। घर पर एकांतवास में आकर रहने के पश्चात 11 सितंबर की रात्रि लगभग 10:00 बजे शर्मा अपनेेेेे आपको अस्वस्थ महसूस करनेे लगे। घर के लोगों द्वारा जांच करने पर उनका ऑक्सीजन लेवल कम पाया गया। फलस्वरुप इसकी तुरंत सूचना परिवार वालों द्वारा सरकारी अस्पताल में दी गई। सूचना देने के पश्चात डॉक्टर के आदेशानुसार उन्हें घर से सरकारी लखीमपुर सरकारी अस्पताल ले जाया गया। उनके पुत्र एवं परिवार के अन्य सदस्यों के अनुसार अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें कमरा तो दिया गया परंतु तुरंत किसी चिकित्सक ने आकर उनकी चिकित्सा व्यवस्था नहीं देखी । कुछ देर बाद वहां एक नर्स आई और उसने इनके गिरते हुए ऑक्सीजन के स्तर की जांच की है। आधे घंटे के पश्चात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पहुंचे। डॉक्टर ने पहुंचकर उन्हें मात्र मृत घोषित किया। महावीर शर्मा के परिवार के सदस्यों ने बताया कि अगर उनके पहुंचने के साथ-साथ डॉक्टर आकर उन्हें ऑक्सीजन देते तो शायद महावीर शर्मा आज जिंदा होते। क्योंकि अस्पताल जाने के पूर्व ही फोन द्वारा सूचित किया जा चुका था कि महावीर शर्मा का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है और हम अस्पताल आ रहे हैं इसके बावजूद भी वहां पहुंचते ही तत्काल चिकित्सा का प्रबंध नहीं होने पर परिवार के सदस्यों को खेद है।
विशेष उल्लेखनीय बात यह है की महावीर शर्मा की तबीयत अचानक खराब होने के पश्चात उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें ठाकुरबाड़ी स्थित उनके निवास से लखीमपुर सरकारी अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करनी शुरू की। लखीमपुर में एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने वाले किसी भी सामाजिक संस्था का एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर विभिन्न संपर्क सूत्रों के अनुसार शहर में निजी एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति से संपर्क की गई ।उक्त व्यक्ति ने तबीयत खराब होने की नाजूक स्थिति को भांपकर मौके का फायदा उठाया और महावीर शर्मा के परिवा वालों से लखीमपुर सरकारी अस्पताल तक जाने का किराया 14000 रूफये मांगी। जबकि महावीर शर्मा के घर से लखीमपुर सरकारी अस्पताल के बीच की दूरी मात्र 3 किलोमीटर है दोनों लखीमपुर शहर में ही स्थित है।मरता क्या नहीं करता के अनुसार परिवार वालों ने उक्त एंबुलेंस का ही उपयोग घर से अस्पताल जाने के लिए किया। अस्पताल पहुंचकर एंबुलेंस वाले से बातचीत के दौरान उसके 14000 रुफये की मांग को अनुरोध करके 6000 रुपए एंबुलेंस का भाड़ा दिया गया। लखीमपुर में निजी एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराने वाले लोग आम जनता को लूट रहे हैं। वह किसी बीमार व्यक्ति के परिस्थिति को भांप कर भाडा की मांग मानवता को ताक पर रखकर करते हैं। अगर मरीज ज्यादा सीरियस है तो उसे ज्यादा भाड़ा और यदी कम सीरियस हो तो कम भाड़ा। अतः महावीर शर्मा के परिवार के सदस्यों ने जिला प्रशासन से इस तरह मनमानी करने वाले लोगों के प्रति आम जनता के हित में कार्रवाई करने की मांग की है।
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