नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार की आज की मजबूती के साथ ही एक बार फिर सेंसेक्स ने 60 हजार अंक का और निफ्टी ने 18 हजार अंक का आंकड़ा छू लिया। आज के कारोबार में शुरुआती दौर से ही लगातार मजबूती बनी रही। बीच में कुछ देर के लिए मुनाफावसूली का दबाव भी बना। इसके बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांकों ने 2 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ आज के कारोबार का अंत किया।
जानकारों का मानना है कि शेयर बाजार की तेजी के लिए जहां सकारात्मक वैश्विक माहौल ने बड़ी भूमिका निभाई, वहीं घरेलू मोर्चे पर एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के मर्जर की खबर ने भी शेयर बाजार में बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को जोरदार मजबूती दी। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के मर्जर की खबर आते ही शेयर बाजार में रैली की शुरुआत हो गई थी। माना जा रहा है कि इस मर्जर के बाद एचडीएफसी भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी, जिसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 12.8 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद की जा रही है।
धामी के मुताबिक मर्जर की इस खबर ने घरेलू बाजार में फाइनेंशियल सेक्टर को बूस्ट करने में काफी मदद की। इसके अलावा आज पॉजिटिव ग्लोबल सेंटीमेंट्स के कारण भी शेयर बाजार को काफी सपोर्ट मिला। सुबह से ही एशिया के सभी बाजार हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। हैंगसेंग, कोस्पी और निक्केई में लगातार तेजी बनी हुई थी। और तो और अमेरिका के मासिक जॉब रिपोर्ट से भी लेबर मार्केट में मजबूती के संकेत मिले थे, जिसकी वजह से अमेरिकी बाजारों में भी इस तिमाही में अच्छी शुरुआत की खबर आ चुकी थी। इसका असर भी वैश्विक बाजारों पर सकारात्मक रूप से पड़ा।
मित्तल फाइनेंस एंड सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक सचिन मित्तल के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल अपने सर्वोच्च स्तर से काफी नीचे आकर कारोबार कर रहा है। हालांकि कच्चे तेल का आयात करने वाले भारत जैसे देशों के लिए अभी भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत काफी अधिक है, इसके बावजूद कच्चे तेल की कीमत में आई कमी ने दुनिया भर के शेयर बाजार को उत्साहित किया है।
मित्तल के मुताबिक कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी के बाद अमेरिका ने भी गुरुवार को ही अपने ऑयल रिजर्व से अभी तक का सबसे ज्यादा तेल रिलीज करने का ऐलान किया था। अमेरिका के इस ऐलान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में एक झटके में 13 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट से दुनिया भर के ऑल मार्केटिंग कंपनियों को काफी राहत मिली है। इसका असर शेयर बाजार पर भी नजर आ रहा है।
भारतीय शेयर बाजार में आज आई तेजी का एक कारण भारत से होने वाले निर्यात के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने को भी माना जा रहा है। 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान भारत से वस्तुओं का निर्यात बढ़कर रिकॉर्ड 418 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। अभी तक भारत से गुड्स एक्सपोर्ट का ये सबसे ऊंचा स्तर है। रविवार को ही जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि भारत से होने वाले निर्यात को जेम्स एंड ज्वेलरी, इंजीनियरिंग गुड्स और केमिकल्स से काफी सपोर्ट मिला है। भारत को निर्यात में मिली ये सफलता भी शेयर बाजार में आज की तेजी की एक वजह मानी जा रही है।
.jpeg)






कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें