इम्फाल। तेजी से बढ़ती जनसंख्या इस समय भारत की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके चलते सरकार अपने स्तर पर कई कदम उठा रही है, लेकिन बावजूद इसके बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाना काफी मुश्किल हो रहा है। इसी बीच, जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर ने एक बड़ा फैसला किया है। मणिपुर कैबिनेट में एक अध्यादेश लाया जाएगा, जिसके तहत 4 से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस बात की जानकारी गुरुवार को सीएम एन. बीरेन सिंह ने दी।
राज्य जनसंख्या आयोग की स्थापना को मंजूरी :
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक अध्यादेश के रूप में मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इस दौरान फैसला लिया गया कि 4 से ज्यादा बच्चे वाले परिवारों को कोई भी सरकारी लाभ नहीं दिया जाएगा। मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग के तहत एक बार फैसला लागू होने के बाद अगर किसी दंपत्ति के चार से अधिक बच्चे हैं तो उस परिवार के किसी भी सदस्य को कोई सरकारी लाभ नहीं मिलेगा।
2001 से 2011 के बीच 250% बढ़ी आबादी :
बता दें कि बीजेपी विधायक खुमुक्कम जोयकिसन ने राज्य में बाहरी लोगों की कथित घुसपैठ को लेकर प्रस्ताव पेश किया था। आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 1971-2001 के बीच मणिपुर के पहाड़ी जिलों में जनसंख्या वृद्धि 153.3% थी, जो 2001 से 2011 के दौरान बढ़कर 250 प्रतिशत हो गई है। बता दें कि इससे पहले असम सरकार ने भी एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 1 जनवरी 2021 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी नौकरियों का लाभ नहीं दिया जाएगा।
2011 में इतनी थी मणिपुर की जनसंख्या :
2011 की जनगणना के मुताबिक मणिपुर की जनसंख्या 28.55 लाख है। इसमें शहरी जनसंख्या 8.34 लाख है, जबकि ग्रामीण जनसंख्या 17.36 लाख है। लिंगानुपात की बात करें तो यहां हर 1000 पुरुषों पर 936 महिलाएं हैं। मणिपुर आबादी के हिसाब से देश का 23वां बड़ा राज्य है। मणिपुर का सबसे बड़ा शहर राजधानी इम्फाल है, जहां की आबादी 2.68 लाख (2011) है।
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