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शिलांग में भीड़ ने पुलिस व्हीकल्स को फूंका, टेंशन के चलते Alert पर सरकारें

 


असम-मेघालय सीमा पर 22 नवंबर की तड़के भड़की हिंसा के बाद सीमावर्ती जिलों में अब भी पुलिस को अलर्ट रखा गया है। अधिकारियों ने कहा कि सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन सिक्योरिटी फोर्सेस ने नियंत्रण में रखा है। साथ ही यह सुनिश्चित किया है कि आगे कोई हिंसा न हो। बता दे कि हिंसा में एक वन रक्षक समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस बीच मेघालय सरकार ने शुक्रवार(25 नवंबर) को मेघालय के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा पर लगी रोक को और 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया। राज्य पुलिस के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Whatsapp, Facebook, Twitter, YouTube आदि में लॉ एंड ऑर्डर को गंभीर रूप से ब्रेकडाउन करने की क्षमता है।


असम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसा के 12 बड़े अपडेट

1.अधिकारियों के अनुसार, संघर्ष स्थल और आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध जारी है। इस बीच, पड़ोसी राज्य मेघालय से टैंकरों और चालक दल की सुरक्षा के आश्वासन के बाद मेघालय के लोगों को राहत देते हुए असम पेट्रोलियम मजदूर यूनियन (एपीएमयू) ने मेघालय में ईंधन के परिवहन को फिर से शुरू करने का फैसला किया। इसे गुरुवार को निलंबित कर दिया गया था।


2. अधिकारियों ने कहा कि सशस्त्र कर्मियों की निगरानी में कम से कम 20 तेल टैंकर शुक्रवार को असम से मेघालय पहुंचे। इससे राज्य को ईंधन सप्लाई पर अनिश्चितता समाप्त हो गई।


3. असम पुलिस ने शुक्रवार को एक नई एडवायजरी जारी कर अपने नागरिकों से मेघालय की यात्रा नहीं करने को कहा है, क्योंकि पड़ोसी राज्य में स्थिति अभी भी बहुत अच्छी नहीं है। यहां गुरुवार की रात विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई थी। इसमें कई लोग घायल हो गए थे। शिलांग में जनता ने पुलिस वाहनों को फूंक दिया था।


4. गुवाहाटी पुलिस के डिप्टी कमिश्नर(पूर्व) सुधाकर सिंह ने कहा-"स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसलिए हम लोगों को (मेघालय की यात्रा नहीं करने) की सलाह दे रहे हैं, खासकर असम के लोगों को।" उन्होंने कहा कि गैर-असमिया मेघालय की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उन वाहनों में जाने के लिए कहा जा रहा है] जिनमें असम-रजिस्टर्ड नंबर प्लेट नहीं है।


5. 22 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद से पहाड़ी राज्य के विभिन्न हिस्सों में मेघालय के बाहर से कम से कम पांच वाहनों को जला दिया गया है, इसके अलावा पथराव के कई मामले सामने आ रहे हैं।


6. 22 नवंबर की तड़के दोनों राज्यों के बीच विवादित सीमा के पास मुकरोह गांव में हिंसा भड़क गई थी। असम के फॉरेस्ट गार्ड्स ने कथित रूप से अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को रोका था। इसके बाद भीड़ ने हमला बोल दिया था।


7.इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें मेघालय के पांच आदिवासी ग्रामीण और असम का एक फॉरेस्ट गार्ड शामिल है।


8. अधिकारियों ने कहा कि मेघालय में सीमा पर हिंसा के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा असहयोग आंदोलन के आह्वान के जवाब में सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही। मेघालय के प्रभावशाली खासी छात्र संघ (KSU) और खासी जयंतिया और गारो लोगों के संघ सहित कई सामाजिक संगठनों और छात्र संघों ने असहयोग आंदोलन की घोषणा की थी। केएसयू के महासचिव डोनाल्ड वी थबाह ने कहा कि हमने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों में काम करने वाले अपने भाइयों और बहनों से असम पुलिस द्वारा मुकरोह में न्यायेतर गोलीबारी के पीड़ितों के सम्मान में शुक्रवार को कार्यालयों में न जाकर हमारा समर्थन करने का आग्रह किया। बाद में एक संयुक्त बयान में केएसयू और शिलांग सामाजिक-सांस्कृतिक असमिया छात्र संघ (एसएसएएसए) ने इन आरोपों का खंडन किया कि मेघालय में असमिया लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।


9. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गुरुवार को कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में हुई एक बैठक के दौरान सीमा पर हिंसा की सीबीआई जांच के उनके अनुरोध पर कार्रवाई करने का दृढ़ आश्वासन दिया है।


10. असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर्राज्यीय सीमा से सटे 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है। जिस स्थान पर हिंसा हुई, वह उनमें से एक है। दोनों राज्यों ने छह क्षेत्रों में विवाद को समाप्त करने की दिशा में इस साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।


11. मेघालय को 1972 में असम से अलग किया गया था और तब से इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971(Assam Reorganisation Act, 1971) को चुनौती दी थी, जिसने दोनों राज्यों के बीच सीमा का सीमांकन किया था। 


12.शुक्रवार को एक पब्लिक ऑर्डर जारी करते हुए मेघालय सरकार ने राज्य के 7 जिलों-जैंतिया हिल्स, ईस्ट जयंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री-भोई, ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स और साउथ वेस्ट खासी हिल्स जिले मे इंटरनेट सर्विस रोक दी है। इन जिलों में 26 नवंबर की सुबह 10:30 बजे से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।

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