गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (25 नवंबर) नई दिल्ली के विज्ञान भवन में लचित बरफुकन की 400वीं जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले उत्सव के समापन समारोह में भाग लिया। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य नेता मौजूद रहे। यह प्रधानमंत्री का गुमनाम नायकों को उचित तरीके से सम्मानित करने का निरंतर प्रयास रहा है। इसी भावना के अनुरूप देश वर्ष 2022 को लचित बरफुकन की 400वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है। इस उत्सव का उद्घाटन इस वर्ष फरवरी में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा गुवाहाटी में किया गया था।
जानिए कौन हैं लचित बरफुकन?
लचित बरफुकन (जन्म-24 नवंबर, 1622, मृत्यु- 25 अप्रैल, 1672) असम के अहोम साम्राज्य की शाही सेना के प्रसिद्ध सेनापति थे, जिन्होंने मुगलों को हराकर औरंगजेब के अधीन मुगलों की लगातार बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को सफलतापूर्वक रोक दिया था। लचित बरफुकन ने 1671 में लड़ी गई सरायघाट की लड़ाई में असमिया सैनिकों को प्रेरित किया और मुगलों को एक करारीव अपमानजनक हार स्वीकार करने को बाध्य किया। लचित बरफुकन और उनकी सेना की वीरतापूर्ण लड़ाई हमारे देश के इतिहास में प्रतिरोध की सबसे प्रेरक सैन्य उपलब्धियों में से एक है।
इससे पहले पीएम मोदी ने लचित दिवस के अवसर पर लोगों को बधाई दी। मोदी ने एक ट्वीट में कहा-"लचित दिवस की बधाई। ये लचित दिवस विशेष है, क्योंकि हम महान लचित बोड़फुकन की 400वीं जयंती मना रहे हैं। वे अद्वितीय साहस के प्रतीक थे। उन्होंने लोगों की भलाई को सबसे ऊपर रखा और वे एक न्यायप्रिय और दूरदर्शी लीडर थे।"
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इससे पहले मोदी ने जुलाई 2022 में पीएम ने आंध्र प्रदेश के भीमावरम में महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ किया था। जून 2022 में पीएम ने मुंबई के राजभवन में बने ब्रिटिश काल के अंडरग्राउंड बंकर में बनाई गई गैलरी 'क्रांति गाथा' का उद्घाटन किया था। गैलरी में वासुदेव बलवंत फड़के, चाफेकर बंधु, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर, बाबाराव सावरकर, क्रांतिगुरु लहूजी साल्वे, अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, राजगुरु, मैडम भीकाजी कामा सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों को रखा गया है।
नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में रांची में भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया था। फरवरी 2021 में पीएम ने उत्तर प्रदेश के बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक की आधारशिला रखी। वहीं, फरवरी 2019 में पीएम ने पानीपत की लड़ाइयों के नायकों को सम्मानित करने के लिए 'बैटल्स ऑफ पानीपत म्यूजियम', पानीपत की आधारशिला रखी थी।
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