गुवाहाटी। नारायण रेकी सत्संग परिवार गुवाहाटी सेंटर के सौजन्य से माछखुवा आईटी सेंटर में नारी रत्न राजेश्वरी मोदी ने जीवन जीने का नया अंदाज विषय पर अपने सारगर्भित उद्गार से एक हजार से भी अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया। राजेश्वरी मोदी को सुनने के लिए माछखुवा आईटीए सेंटर महिलाओं के जनसैलाब से खचाखच भरा हुआ था। कार्यक्रम से पहले आईटीए सेंटर में पधारते ही राजेश्वरी मोदी का सत्संग परिवार की महिला सदस्याओं ने गर्मजोशी से स्वागत करते हुए उनके सम्मान में स्वागत गीत नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर नारायण रेकी सत्संग परिवार गुवाहाटी सेंटर की प्रमुख सरला लाहोटी के स्वागत भाषण के पश्चात राजेश्वरी दीदी ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस उपलक्ष में उनके साथ सरला लाहोटी, बंदना बिहानी, आभा लड्ढा ,नीतू अग्रवाल एवं राजेश्वरी मोदी की सहयोगी विद्या शास्त्री, संध्या गुप्ता, संतोष सिंघानिया के अलावा नारायण रेकी सत्संग परिवार कोलकोता की प्रमुख संगीता चांडक ,शिवसागर की प्रशिक्षीका कृष्णा खेमका व नारायण रेकी सत्संग परिवार की सभी महिला सदस्याए उपस्थित थी। इस अवसर पर बोलते हुए दीदी ने कहा कि ताली बजाने से हाथों की सुख दुख की रेखाओं में से दुख की रेखा दब जाती है एवं सुख की रेखा उभर कर आती है। ब्रह्मांड में प्रकृति ने सकारात्मक और नकारात्मक नामक दो ऊर्जा निहित की है। जैसे सही गलत, सुख-दुख, पुण्य पाप, रिस्पांस रिएक्शन आदि ।जब आप सकारात्मक ऊर्जा को महसूस करेंगे तो आप अपने आप को काफी हल्का महसूस करेंगे ।उस समय आप सुख, खुशी, शांति, समृद्धि, आनंद, उल्लास, प्यार, सम्मान, प्रशंसा, उन्नति, प्रगति, सफलता आदि सभी परिणामों को महसूस करेंगे। अच्छे लोग अच्छी वस्तु और अच्छी आदतों के चलते उनके कार्य आसानी से सफल होते चले जाते हैं। जो चीज आपके भाग्य में नहीं लेकिन आपको चाहिए उन्हें भी आप अपने जीवन में आसानी से अर्जित कर लेते हैं। कार्यक्रम का कुशल संचालन रमेश चांडक ने किया। 2 घंटे 15 मिनट तक चलने वाले इस कार्यक्रम में राजेश्वरी मोदी के हर संदेश पर सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता था। जीवन तनाव मुक्त बनाने के भी कई गुर भी राजेश्वरी मोदी ने बताएं।






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