क्या कहती है रिसर्च
साइंटिफिक जर्नल जामा नेटवर्क में प्रकाशित हुई गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक के बाद जिन मरीजों ने हफ्ते में 4 घंटे भी व्यायाम किया उनकी शारीरिक गतिविधि, रिकवरी और स्वास्थ्य बेहतर पाया गया। दरअसल, शोध में 35 स्वीडिश अस्पतालों से 1500 रोगियों के डेटा कलेक्ट किए गए। उनकी शारीरिक गतिविधियों को post-stroke पैटर्न पर आधारित समूहों में बांटा गया। इस रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों ने स्ट्रोक के बाद एक्सरसाइज की उनमें ठीक होने की संभावना दोगुनी थी, जबकि जो लोग अपेक्षाकृत कम सक्रिय थे उनके स्वास्थ्य में स्लो रिकवरी पाई गई।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
रिसर्च में शामिल हुए वैज्ञानिकों का मानना है कि शारीरिक रूप से एक्टिव होना बहुत जरूरी है। खासकर स्ट्रोक के बाद में। उन्होंने बताया कि स्ट्रोक के बाद शारीरिक गतिविधियों के साथ आगे बढ़ने के लिए अधिक समर्थन की जरूरत होती है। इतना ही नहीं जो लोग फिजिकली एक्टिव रहते हैं उनमें डिप्रेशन और हृदय रोग के जोखिम को कम भी किया जा सकता है।
एक्सरसाइज करते समय इन चीजों का रखें ध्यान
- जब आप हार्ट अटैक या स्ट्रोक के बाद फिजिकल एक्टिविटी करते हैं तो आपको शुरुआत हमेशा स्लो करनी चाहिए और धीरे-धीरे अपना स्टैमिना बढ़ाना चाहिए।
- स्ट्रोक के बाद वर्कआउट करने के दौरान अपनी हार्ट रेट को मॉनिटर करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। हार्ट रेट कभी भी बहुत ज्यादा या बहुत कम नहीं होना चाहिए।
- हार्ट अटैक के बाद वर्कआउट करने के दौरान कभी-कभी चेस्ट पेन, सांस लेने में तकलीफ और थकावट हो सकती है। ऐसे समय खुद को आराम दें और दोबारा रीस्टार्ट करें।
- हार्ट अटैक या स्ट्रोक के बाद एक्सरसाइज करने के दौरान एक्सपर्ट्स की निगरानी में ही वर्कआउट करें।
- खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। वर्कआउट के दौरान आप बीच-बीच में पानी या कुछ हेल्दी ड्रिंक्स का सेवन कर सकते हैं।
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