ऑनलाइन बैंकिंग यूं तो काफी समय से भारत में चल रही है लेकिन पिछले कुछ सालों में खासकर कोरोना काल के बाद से ग्राहक ऑनलाइन बैंकिंग और यूपीआई पेमेंट्स ऐप्स पर ही निर्भर हो गया है। बैंक भी कस्टमर को घर बैठे सारी सुविधाएं दे रहा है जिससे यूजर्स का भी समय बच रहा है। ऐसे में मार्केट में कई सारी कंपनियां भी आ गई हैं जो ग्राहकों को ऑनलाइन लोन भी प्रोवाइड कर रही हैं, लेकिन इन लोनिंग ऐप्स से जरा सतर्क रहें। वित्तमंत्री ने आरबीआई को निर्देश जारी करते हुए मार्केट में आए फर्जी लोन ऐप्स पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
अगर आप गूगल पर ऑनलाइन लोन टाइप कर देंगे तो पल भर में 50 से अधिक लोनिंग ऐप्स खुलकर आपके सामने आ जाएंगे। ये ऐप्स आपको बिना गारंटी के लोन देने के लिए तैयार रहते हैं। इसके जरिए आप लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो कस्टमर केयर से कॉल भी आएगी और आपको लोन भी ऑफर किया जाएगा। इस दौरान आपसे आपके पैन कार्ड की डिटेल मांगी जाएगी या किसी अकाउंट नंबर की डिटेल मांगी जा सकती है। ऐसे में अपनी अकाउंट डीटेल या एटीएम पिन शेयर न करें नहीं तो अकाउंट्स से रुपये गायब हो जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई समेत फाइनेंशियल सेक्टर के रेगुलेटरी से इस संबंध में चर्चा करते हुए अवैध रूप से चल रहे ऑनलाइन लोन ऐप और लोन देने की प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ग्राहकों को भी फर्जी लोन ऐप्स के झांसे में न आने की सलाह दी है।
आरबीआई और सरकार की ओर से बैंकिंग प्रणाली को आसान बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में केवाईसी प्रोसेस को भी सरल बनाने को लेकर कवायद की जा रही है। केवाईसी का एकसमान स्टैंडर्ड निर्धारित करना, फाइनेंशियल सेक्टर में केवाईसी रिकॉर्ड्स की इंटरनल इंपॉर्टेंस के साथ ही केवाईसी सबमिशन को आसाना बनाने और डिजीटल बनाने की कवायद चल रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें