नई दिल्ली। संविधान की छठी अनुसूची की तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र समेत पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश आदिवासी क्षेत्रों को सोमवार को लागू हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के दायरे से बाहर रखा गया है। कानून के मुताबिक इसे पूर्वोत्तर के उन राज्यों में भी लागू नहीं किया जाएगा जहां इनर लाइन परमिट (आईएलपी) व्यवस्था लागू है। आईएलपी के तहत देश के अन्य हिस्सों से इन राज्यों की यात्रा करने के इच्छुक किसी व्यक्ति को राज्य सरकार से विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। अधिकारियों ने 2019 में पारित कानून का हवाला देते हुए कहा कि छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदों वाले आदिवासी क्षेत्रों को भी सी ए ए के दायरे से बाहर रखा गया है।असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में ऐसे स्वायत्त परिषद अस्तित्व में है। इनमें असम में कार्बी आंगलांग, डीमा हासाओ और बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद क्षेत्र, मेघालय में गारो हिल्स और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्र शामिल है।
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