गुवाहाटी। गत सौ बरसों से गुवाहाटी के टीआरपी फुकन रोड स्थित 250 साल पुराना प्राचीन गल्लापटी हनुमान मंदिर में प्रत्येक वर्ष के सावन महीने में श्री हनुमान जन्मोत्सव समिति के तत्वाधान में हनुमान नौका का आयोजन किया जाता है। जो की एक अनोखी तांत्रिक प्रक्रिया है।गुवाहाटी महानगर तथा विशेष रूप से फैंसी बाजार को ब्रह्मपुत्र नद के बाढ़ के प्रकोप से सुरक्षा देने के लिए सावन महीने के दिन शुभ मुहूर्त में हनुमान मंदिर में केले के वृक्ष से बनाई हुई नौका की तांत्रिक विधि से पूजन की जाती है। यह तांत्रिक क्रिया असम के स्थानीय कामाख्या मंदिर के पुरोहितो द्वारा की जाती है। केले से बनी हनुमान नोका के चारों ओर मशाल जलाई जाती है एवं इसकी आरती उतार मंदिर से रवाना कर दी जाती है। मान्यता है की नौका के नीचे से जो भी निकलता है उस पर लगी बुरी नजर एवं अन्य नकारात्मक शक्ति का नाश हो जाता है। बच्चे बूढ़े पुरुष महिला सभी शोभायात्रा में हनुमान नौका के नीचे से जय हनुमान का नारा लगाते हुए निकलते हैं।यह नौका नगर के मुख्य मार्ग से होती हुई ब्रह्मपुत्र नद में विसर्जित कर दी जाती है। आज इस अवसर पर प्रातः मंदिर के पुजारी शिवकुमार शर्मा और संजय शर्मा द्वारा विशेष पूजा अर्चना की गई। शाम को मंदिर के मुख्य पुजारी बंकट लाल शर्मा ने नौका की आरती उतार कर उसे मंदिर से रवाना किया। इस समारोह में विजयनगर के समूह द्वारा नगाड़ा नाम की प्रस्तुति भी दी गई। शाम को गुरु भक्त मंडल द्वारा सुंदर कांड का पाठ भी किया गया।
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गुवाहाटी को बाढ़ के प्रकोप से बचने के लिए अनोखी तांत्रिक प्रक्रिया हनुमान नौका
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