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गुवाहाटी के फाटाशील में 40 फुट गणेश प्रतिमा बनी आकर्षण का केंद्र


गुवाहाटी। गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में तेलुगू एसोसिएशन ऑफ असम और डॉक्टर बी आर अंबेडकर यूथ क्लब के संयुक्त तत्वाधान में फाटाशील जीएमसी कॉलोनी एम बी रोड के डॉक्टर अंबेडकर पथ में पूर्वोत्तर भारत में पहली बार 40 फुट की गणेश प्रतिमा स्थापित कर सात दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत आज गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में की गई। जिसका उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के असम प्रभारी रविंद्र राज ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर रविंद्र राज ने कहा कि हिंदुत्व की नींव को गणेश उत्सव जैसे आयोजन मजबूती प्रदान करते हैं। असम और दक्षिण भारतीय संस्कृति का सामंजस्य इस गणेश उत्सव में देखने को मिल रहा है। तेलुगू एसोसिएशन ऑफ असम के अध्यक्ष कृष्णा राव ने बताया की गत 40 वर्षों से हम गणेश उत्सव मनाते आ रहे हैं। गत वर्ष 30 फुट की गणेश प्रतिमा बनाई गई थी। इस वर्ष 40 फुट की गणेश प्रतिमा बना कर स्थापित की गई है। असम में एक दिवसीय गणेश जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। मगर महाराष्ट्र व दक्षिण भारत की परंपरा की शुरुआत करते हुए गुवाहाटी में सात दिवसीय गणपति पूजा की परंपरा शुरू की गई है।इन सात दिनों में असम व दक्षिण भारत की संस्कृति के साथ तालमेल बैठाकर बच्चों के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी किए जाएंगे। जिसकी शुरुआत असमिया नाम कीर्तन से की गई। इसके अलावा बच्चों के गीत, नृत्य, चित्रांकन व अन्न सेवा जैसे कार्यक्रम भी किए जाएंगे। कृष्णा राव ने आगे बताया कि यह प्रतिमा इको फ्रेंडली है। इसमें ना तो कोई केमिकल है और नहीं प्लास्टिक है। बस मिट्टी, घास फूस और बांस के द्वारा यह प्रतिमा बनाई गई है। जो सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। प्रतिमा विसर्जन के बारे में बोलते हुए श्री राव ने कहा कि इतनी बड़ी प्रतिमा का विसर्जन ब्रह्मपुत्र में करना संभव नहीं होगा। अतः एक छोटी प्रतिमा भी स्थापित की गई है। उसी का ब्रह्मपुत्र में विसर्जन किया जाएगा। बड़ी प्रतिमा को शाम 6 बजे फायर ब्रिगेड के पानी में अक्षत, कुमकुम, हल्दी मिलाकर विसर्जित किया जाएगा। जिसमें बची हुई मिट्टी को एकत्र करके ब्रह्मपुत्र में विसर्जन कर दी जाएगी। गणेश उत्सव के आज प्रथम दिन श्रद्धालुओं की भीड़ प्रतिमा के दर्शन के लिए उमड पड़ी थी।तेलुगु संगठन और अंबेडकर यूथ क्लब के सदस्य भीड़ को नियंत्रित करके व्यवस्था बनाने में सक्रिय दिखाई दिए।

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