गुवाहाटी। असमिया फिल्म जगत के जाने-माने फिल्मकार, समाजसेवी और दादा साहेब फाल्के अकादमी अवार्ड से सम्मानित शंकरलाल गोयनका का 90वां जन्मदिवस व्यतिक्रम मास्डौ के सौजन्य से होटल विश्व रतन में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस भव्य समारोह में असमिया फिल्म जगत की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ-साथ समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने भी हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ शंकरलाल गोयनका ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उनके साथ समाजसेवी कैलाश काबरा, जयप्रकाश गोयंका, लायंस क्लब के पूर्व जिलापाल डी.पी. बजाज, लायंस जिला उपाध्यक्ष पंकज पोद्दार और मनोज भजनका, अभिनेता कपिल बोरा, बैंडिट क्वीन अभिनेत्री सीमा बिस्वास, रीमा दास, मनीषा हजारीका, निशिता गोस्वामी, समाजसेवी अरुण बजाज, बोलिंन बोर्दोलोई, अमरेश राॅय, टाइम्स ऑफ इंडिया की अलका कक्कड़, सिद्धार्थ गोयनका और व्यतिक्रम मास्डौ के सौमिन भारतीय जैसे कई विशिष्ठ अतिथि मौजूद रहे।
समारोह में सभी अतिथियों ने शंकरलाल गोयनका को शॉल, फूलाम गमछा और जापी पहनाकर सम्मानित किया और केक काटकर जन्मदिवस की खुशियां मनाईं। इस अवसर पर अपने संबोधन में शंकरलाल गोयनका ने कहा, "मैंने अपना जीवन असमिया फिल्म निर्माण में समर्पित कर दिया है। आगे भी फिल्म जगत के लिए हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हूं।"
कार्यक्रम का संचालन आनंद अय्यर ने किया। उन्होंने गोयनका जी के जीवन की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि वह वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम, मूक-बधिर आश्रम, कैंसर अस्पताल, लायंस आई अस्पताल और जरूरतमंद छात्रों को शिक्षा प्रदान करने जैसे अनेक सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं। डी.पी. बजाज ने उन्हें ईश्वर का बंधु बताते हुए 90 असहाय रोगियों के नेत्र ऑपरेशन कराने की घोषणा की।
बैंडिट क्वीन अभिनेत्री सीमा बिस्वास ने कहा, "शंकरलाल गोयनका ने असमिया फिल्म जगत के कई कलाकारों को मार्गदर्शन दिया है। मेरी जैसी कई अभिनेत्रियों ने उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का मौका पाया है।" अभिनेत्री रीमा दास और अभिनेता कपिल बोरा ने भी अपने संस्मरण साझा किए। निशिता गोस्वामी ने अपनी पहली फिल्म की शूटिंग के अनुभव बताते हुए गोयनका जी को अपना मार्गदर्शक बताया।
लायंस क्लब ऑफ गुवाहाटी के अध्यक्ष महेश शर्मा के नेतृत्व में क्लब के सदस्यों ने भी शॉल उढ़ाकर गोयनका जी का अभिनंदन किया। समारोह के अंत में भूपेन हजारिका के गीतों और अन्य फिल्मी गीतों के साथ एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसने इस विशेष अवसर को और भी यादगार बना दिया।
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