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तेजपुर से लखीमपुर पहुंची समीर शर्मा की भक्ति-पूर्ण पदयात्रा का हुआ भव्य स्वागत


लखीमपुर से राजेश राठी की रिपोर्ट 


लखीमपुर। डिब्रुगढ़ निवासी सत्यनारायण शर्मा के पुत्र समीर शर्मा की बाबा श्याम के प्रति अपार श्रद्धा और अडिग विश्वास से प्रेरित उनकी भव्य पदयात्रा कल शाम लखीमपुर शहर पहुंची। मालुम रहे कि समीर शर्मा ने 29 नवंबर को तेजपुर स्थित महा भैरव मंदिर से यह यात्रा आरंभ की थी, और अब यह यात्रा बाबा श्याम के प्रति उनके अडिग विश्वास और भक्ति की अद्भुत गवाही बन गई है। यह पदयात्रा 11 दिसंबर, एकादशी के पावन दिन डिब्रुगढ़ स्थित हारे के सहारे बाबा श्याम के मंदिर में संपन्न होगी, जहां समीर शर्मा अपनी 14वीं पदयात्रा का समापन कर बाबा के दरबार में निशान अर्पित कर करेंगे।


समीर शर्मा की यह यात्रा केवल एक साधारण भक्ति यात्रा नहीं, बल्कि बाबा श्याम के चमत्कारों और कृपाओं का जीवंत प्रमाण है। इससे पहले उन्होंने सिलीगुड़ी से डिब्रुगढ़, गुवाहाटी से डिब्रुगढ़, अरुणाचल प्रदेश के फरसराम कुण्ड से डिब्रुगढ़, जयपुर से खाटू धाम, सीकर से खाटू धाम और रिंग्स से खाटू धाम तक की यात्रा की थी। हर स्थान पर उन्होंने बाबा के दरबार में हजारी लगाने के साथ साथ निशान अर्पित किया और श्रद्धा से बाबा श्याम के दरबार में आशीर्वाद प्राप्त किया।


समीर शर्मा की इस यात्रा के पीछे एक बेहद खास और अद्भुत कहानी छिपी हुई है, जो बाबा श्याम के चमत्कारी आशीर्वाद को प्रमाणित करती है। सात साल पहले, समीर शर्मा को चेन्नई के अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने कूल्हे के जोड़ (hib joint) में ट्यूमर का पता लगाया था और सर्जरी की सलाह दी थी। डॉक्टरों ने यह भी कहा था कि ऑपरेशन के बाद उन्हें कम से कम सात महीने तक बिस्तर पर ही रहना होगा, और पूर्ण रूप से ठीक होने की संभावना भी नहीं थी।


इस गंभीर स्थिति में, समीर शर्मा ने बाबा श्याम से अपनी परेशानी का हल मांगा और निश्चय किया कि वह बाबा के दरबार में अपनी हाजरी लगा कर कुल 21 निशान अर्पित करेंगे। उन्होंने अपनी परिवार से विचार विमर्श किया और बाबा के दरबार में अपने इस प्रण को पूरा करने का संकल्प लिया।


उसके बाद एक दो यात्रा के पश्चात चमत्कार हुआ! बाबा श्याम की असीम कृपा से समीर शर्मा के कूल्हे के जोड़ (hib joint) में ट्यूमर का कोई निशान नहीं रहा। इसके खुलासा उस समय हुआ जब उन्होंने पुनः अपोलो अस्पताल में जांच कराई, तो डॉक्टर भी इस अप्रत्याशित चमत्कार को देखकर हैरान रह गए। यह चमत्कारी घटना न केवल समीर शर्मा के जीवन को बदलने वाली साबित हुई, बल्कि बाबा श्याम के अद्भुत आशीर्वाद को भी प्रमाणित करती है।


समीर शर्मा की यह 14वीं पदयात्रा लखीमपुर पहुंची, जहां सैकड़ों भक्तों ने गणेश मंदिर से बाबा श्याम के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया। भक्तों ने उन्हें खेलमाटी स्थित रमेश जाजोदिया के निवास स्थान तक लाकर रात्रि विश्राम का आयोजन किया। इस अवसर पर रमेश जाजोदिया के निवास स्थान पर रात्री भजन-कीर्तन का आयोजन भी हुआ, जिसमें भक्तों ने बाबा श्याम के भजनों के साथ अपनी श्रद्धा अर्पित की।


आज सुबह समीर शर्मा ने खेलमाटी स्थित हनुमान मंदिर से श्याम बाबा की ज्योत कर इस निशान पदयात्रा को आगे बढ़ाया। लखीमपुर मैं रात्रि विश्राम के पश्चात आज समीर शर्मा 40 किलोमीटर का सफर तय कर गोगामुख मैं रात्रि विश्राम करेंगे और कल यह पावन पदयात्रा धेमाजी होते हुए डिब्रुगढ़ तक जारी रहेगी। समीर शर्मा की यह यात्रा एक अद्वितीय भक्ति-मार्ग है, जो बाबा श्याम के चमत्कारों और आशीर्वाद से भरी हुई है।

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