केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वां बजट पेश करेंगी और सभी की निगाहें मध्यम वर्ग को मिलने वाली बहुप्रतीक्षित टैक्स राहत पर होंगी. आर्थिक विकास में कमी आने और शहरी खपत में लगातार कमी आने के संकेत मिलने के कारण, केंद्रीय बजट 2025-26 के सामने एक विशेष रूप से मुश्किल चुनौती है.
हाल के दिनों में, सरकारी खर्च ने विकास को गति दी है, लेकिन इस साल इसमें गिरावट आई है. सीतारमण मोदी 3.0 के पहले पूर्ण-वर्ष के बजट में इन उद्देश्यों — खर्च को बढ़ाने के साथ-साथ कर राजस्व में कटौती — को संतुलित करने का प्रयास कर रही हैं.
चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है. वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाज़ार की पैनी नज़र रहेगी.
बजट से एक दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘‘मेरी सरकार मध्यम वर्ग के अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने का फैसला लिया गया है. हर साल उन्हें 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर मिलेगा.’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा.”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “…मैं कर दर संरचनाओं को इस प्रकार संशोधित करने का प्रस्ताव करती हूं: 0 से 4 लाख रुपये – शून्य, 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये – 5%, 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये – 10%, 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये – 15%, 16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये – 20%, 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये – 25% और 24 लाख रुपये से अधिक – 30%। पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय के अलावा सामान्य आय वाले 12 लाख रुपये तक के करदाताओं को स्लैब दर में कमी के कारण होने वाले लाभ के अलावा कर छूट इस तरह से प्रदान की जा रही है कि उन्हें कोई कर नहीं देना होगा…”
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