जोरहाट. जोरहाट में जैन धर्म के गुरु 1008 मुनि प्रमुख सागर जी की पदयात्रा को लेकर उपजे विवाद के बाद स्थानीय संगठनों के कुछ नेताओं की गिरफ्तारी पर प्रतिबंधित संगठन अल्फा स्वाधीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर असमिया युवकों की तत्काल रिहाई की मांग की और राज्य में किसी भी नग्न संत के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात कही।गौरतलब है कि गत दिनो स्थानीय श्री दिगंबर जैन समाज, जोरहाट के तत्वावधान में जैन मुनि प्रमुख सागर के स्वागत में एक पदयात्रा आयोजित की गई थी। मुनि जी डीमापुर से विहार करते हुए जोरहाट पहुंचे। जहां उनकी नग्न अवस्था को लेकर कुछ स्थानीय संगठनों ने विरोध दर्ज कराया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।इस पर अल्फा स्वाधीन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए असमिया युवकों को शीघ्र रिहा किया जाए। इसके अलावा, संगठन ने मांग की कि असम में किसी भी नग्न संत को प्रवेश न दिया जाए, और कामाख्या मंदिर में आयोजित अंबुवाची मेले में भी नग्न बाबाओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो मारवाड़ी समाज को अन्य स्थानों पर इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस मामले में कई स्थानीय संगठनों, वीर लाचित सेना और असम सेना सहित अन्य ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इन संगठनों ने जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया और अपनी मांगें रखीं। बाद में प्रदर्शनकारियों ने श्री दिगंबर जैन मंदिर की ओर कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें निर्मल चरली क्षेत्र में ही रोक दिया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जैन मंदिर परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी।उल्लेखनीय है कि असम में सरकार द्वारा राजकीय अतिथि का सम्मान प्राप्त करने वाले 1008 प्रमुख सागर जी जैन धर्म के एक प्रतिष्ठित संत हैं और उनके अनुयायी बड़ी संख्या में हैं। उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए जैन समाज द्वारा यह पदयात्रा आयोजित की गई थी। हालांकि, स्थानीय संगठनों के विरोध के कारण यह कार्यक्रम विवादों में आ गया। इस विवाद को तुल पकड़ता देख असम के मुख्य मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी कि "जैन धर्म अपने पूज्य परम पूजनीय मुनियों के साथ अहिंसा, त्याग और निस्वार्थ भक्ति का प्रतीक है।उनके पवित्र रीति-रिवाजों को बाधित करने के किसी भी प्रयास का कड़े और निर्णायक तरीके से सामना किया जाएगा।असम धार्मिक सहिष्णुता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और करुणा व मानवता के संदेश को अडिग संकल्प के साथ आगे बढ़ाता रहेगा। राज्य सरकार का गृह विभाग राजकीय अतिथि प्रमुख सागर जी महाराज की जोरदार प्रवास को देखकर उपजे विवाद की बात आज सक्रिय हो गया कल जहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तार किया की हुई आज सुबह अधिवक्ता ह्यूमन बड़ा को मिलेंगे फेस्टिवल स्थित उनके निवास से पुणे हिरासत में दिया गया संदेश स्थान साफ था कि धर्म गुरु और राजकीय अतिथि की सम्मान को हानि पहुंचाने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी" लचित सेना के जिला अध्यक्ष आदित्य सागर पाणी फुकन, सचिव सुजीत दत्त सहित कई सदस्य को हिरासत मे ले लिया गया। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा के तहत एक मामला दर्ज किया। पुलिस थाने में बैठाकर रखे हुए इन प्रदर्शनकारियो की रिहाई की मांग कल से ही जारी थी। आज सुबह पुलिस ने तेवर और कड़े कर लिये। जिसमें अधिवक्ता होमेन बोरा भी चपेट में आ गए। हालांकि अदालत में पेश करने के बाद इन सभी को अंतरिम जमानत मिल गई। गिरफ्तारी के बाद जोरहाट के अधिवक्ताओं और जातीय संगठन के सदस्यों ने अदालत परिसर में जमकर हंगामा किया। न्यायिक दंडाधीश अमीय मजूमदार की अदालत ने जब अंतरिम जमानत का फैसला सुनाया तो आरोपियों के साथ ही पुलिस ने भी राहत की सांस ली। पुलिस की कार्रवाई पर रोष जताते हुए वीर लाचित सेना के महासचिव रंटू पाणी फूकन ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई नागपुर के निर्देश पर हुई है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी धर्म की रीति-रिवाज के खिलाफ नहीं है और अपने स्थान पर रहकर सभी इसका पालन करने के लिए स्वतंत्र है। प्रसंगवश उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने जैन मुनि को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया हुआ है।जैन मुनि प्रमुख सागर जी महाराज के स्वागत में गत 30 जनवरी को जोरहाट में एक पदयात्रा आयोजित की गई थी। उक्त यात्रा में जैन मुनि, उनके शिष्यों और बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबियों ने शिरकत की थी। बताते चलें कि दिगंबर जैन संप्रदाय के मुनि और आचार्य नग्न अवस्था में रहते हैं। दिगंबरत्व उनकी आस्था का प्रतीक है। पर जैन धर्म के धार्मिक रीति-रिवाजों से अनजान कई स्थानीय सभा-संगठनों ने सार्वजनिक स्थान पर नग्न जैन साधुओं को देखकर उनका विरोध किया।स्थिति की संवेदनशीलता को समझते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन हरकत में आया और उसने विरोध करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।यह बात अल्फा के वार्ता विरोधी धड़े यानी अल्फा स्वाधीन को नागवार गुजरी और उसने जैन मुनि के असम प्रवास पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी। उक्त प्रेस विज्ञप्ति में गिरफ्तार किए हुए असमिया युवकों को छोड़ने तथा नग्न साधुओं के असम में प्रवेश को प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।विज्ञप्ति में कहा गया है कि अल्फा की ओर से यह अंतिम चेतावनी है कि राज्य में किसी भी नग्न व्यक्ति को लेकर किसी भी तरह के जुलूस-जलसे को स्वीकार नहीं किया जाएगा।अगर कोई व्यक्ति या संस्था नग्न मुनि या आचार्य को आश्रय देता है, तो उसे परिणाम भुगतना पडेगा।
!->
Home
Unlabelled
जैन मुनि विवाद में अल्फा के बाद मुख्यमंत्री ने एंट्री ली
जैन मुनि विवाद में अल्फा के बाद मुख्यमंत्री ने एंट्री ली
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें