फैंसी बाजार होगा वक्फ के चुंगल से मुक्त : गौरव सोमानी
असम वक्फ बोर्ड द्वारा भूमि पर दावा और अवैध कब्जे को लेकर चिंताएं
2025 वक्फ संशोधन विधेयक के महत्व पर जोर
असम वक्फ बोर्ड द्वारा राज्य भर में भूमि के विशाल हिस्सों पर दावा करने के ताजातरीन खुलासों ने इसके कानूनी और नैतिक पहलुओं को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। असम के युवा नेता गौरव सोमानी के अनुसार, वक्फ बोर्ड, असम में लगभग 17,000 बीघा भूमि का मालिकाना हक दावा कर रखा है, जिनमें से कुछ सबसे विवादास्पद दावे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों जैसे गुवाहाटी के फैंसी बाजार, बराक घाटी के प्रमुख चाय बगान और असम की राजधानी दिसपुर के वीआईपी क्षेत्रों से जुड़े हैं।
सोमानी ने कहा कि इस स्थिति का एक सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि वक्फ बोर्ड ऐसी भूमि पर दावा कर रहा है, जो न केवल महत्वपूर्ण और मूल्यवान है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, बोर्ड ने फैंसी बाजार में लगभग 24 बीघा भूमि का दावा किया है, जिसमें जेल परिसर का क्षेत्र शामिल नहीं है, और दिसपुर में अधिकांश सुरक्षित सरकारी भूमि को भी वक्फ संपत्ति के रूप में बताया गया है, जिससे यह चिंता और बढ़ जाती है कि वक्फ प्रबंधन के तहत इतनी बड़ी भूमि का दावा किया जा रहा है।
अधिकांश वक्फ संपत्तियां या तो अवैध कब्जे में हैं या कानूनी विवादों में उलझी हुई हैं, जिसके कारण वक्फ बोर्ड को अपनी अनुमानित वार्षिक आय ₹7,000 करोड़ तक प्राप्त करने में विफलता हो रही है। सोमानी ने कहा कि वक्फ बोर्ड इस दिशा में प्रयास कर रहा है और ऐसा होता है तो इस अव्यवस्थित राजस्व का दावा राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और गलत हाथों में एक समानांतर अर्थव्यवस्था का निर्माण कर सकता है। इनमें से कई संपत्तियां कोर्ट में लंबित मामलों में फंसी हुई हैं।
इस भूमि पर दावा करने का पैमाना न केवल वर्तमान के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी चिंताजनक है, जो इन विवादों के कारण लंबे समय तक कानूनी और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का सामना कर सकती हैं।
सोमानी ने आगे ज़ोर देते हुए कहा कि इस बढ़ती संकट की स्थिति में, आगामी *वक्फ संशोधन विधेयक 2025* का अत्यधिक महत्व है। यह प्रस्तावित संशोधन वक्फ बोर्ड के भूमि दावों की स्पष्ट सीमाएं निर्धारित करने का लक्ष्य रखता है, जिससे बोर्ड की कार्रवाइयां पारदर्शी और कानूनी तथा संविधानिक मार्गदर्शकों के अनुरूप हों। विधेयक में सुधार लाकर, यह वक्फ संपत्तियों के व्यापक दुरुपयोग को रोकने, अवैध कब्जों का समाधान करने और लंबे समय से लंबित विवादों को सुलझाने की दिशा में कार्य करेगा, जो वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन और विकास को बाधित कर रहे हैं।
*वक्फ संशोधन विधेयक 2025* एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन प्रणालीगत समस्याओं को सुधारने की दिशा में उठाया जाएगा, जिन्होंने भूमि कब्जे और अवैध दावों के लिए एक माहौल तैयार किया है।
केवल ऐसे सुधार (वक्फ संशोधन विधेयक) के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वक्फ के नियंत्रण वाली भूमि और संपत्तियां सही तरीके से प्रबंधित हों, अवैध कब्जों और दावों से मुक्त हों, और समाज की भलाई में सही तरीके से योगदान कर सकें।
गौरव सोमानी ने अपील करते हुए कहा कि- हम सभी संबंधित पक्षों और असम के नागरिक, से आग्रह करते हैं कि वे इस विधेयक के महत्व को समझें और इस संकट को समाप्त करने की दिशा में इसका समर्थन करें। यह समय आ गया है कि हम मूल्यवान भूमि पर अवैध दावों को रोकें और असम में वक्फ संपत्ति प्रबंधन की अखंडता को बनाए रखें।
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