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फैंसी बाजार डंपिंग स्टेशन को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग उठी

 


गुवाहाटी। आज चार नंबर रेल गेट स्थित साधना मंदिर में वृहत्तर फैंसीबाजार के निवासियों ने वरिष्ठ नागरिक रमेश भातरा की अध्यक्षता में साधारण सभा का आयोजन किया। जिसमें 16 नंबर वार्ड के पार्षद प्रमोद स्वामी तथा नगर निगम के फैंसी बाजार डंपिंग सेंटर के अभियंता हेमंत कलिता उपस्थित थे। सभा में मुख्य रूप से फैंसी बाजार का कचरा संग्रह केंद्र ही मुख्य बिंदु बना रहा।सभा मे उपस्थित कई सदस्यों में अपने वक्तव्य में कचरा संग्रह केंद्र को स्थानांतरित करने की बात कही। स्थानीय निवासी दीप कलिता ने कहा कि फैंसी बाजार कचरा संग्रह केंद्र के आसपास तेरापंथ धर्मस्थल, महावीर स्थल, काली मंदिर, साधना मंदिर तथा बोटैनिकल गार्डन जैसे महत्व पूर्ण और आध्यात्मिक केंद्र स्थापित है। जो पूरी तरह से दुर्गंध की चपेट में है। कचरा केंद्र की बड़ी-बड़ी गाड़ियां अक्सर एमएस रोड में आकर के भयंकर रूप से जाम की समस्या पैदा कर देती है। कचरे से भरी छोटी गाड़ियां जब जाम में फंसती है तो अन्य वाहनों को उनसे निकलने वाली दुर्गंध से वहां जाम में खड़े रहना मुश्किल हो जाता है। कचरे से निकलने वाली गंध से रिहायासी इलाकों के बासिंदो का रहना मुश्किल हो जाता है। एमएस रोड निवासी मुकेश भातरा ने कहा कि कचरे को दुर्गंध से बचाने के लिए एक विशेष रूप का केमिकल का छिड़काव किया जाता है। जिसकी दुर्गंध कचरे की दुर्गंध से भी अधिक भयानक होती है। कचरे की दुर्गंध से तो नाक ढकने से कुछ राहत मिलती है लेकिन केमिकल की गंध गले में इस तरह से पकड़ लेती है कि खांसना भी मुश्किल हो जाता है। सभा में उपस्थित राकेश बाफना, अशोक जैन, रवि भातरा, आशीष बोथरा, अनिल भातरा, शहाबुद्दीन अहमद, दिनेश सिकरिया, आदर्श शर्मा और विशाल भातरा ने भी अपने संबोधन में मुख्य रूप से कचरा संग्रह केंद्र को यहां से नगर के बाहर स्थानांतरित करने की बात ही कही। सभा में उपस्थित 16 नंबर वार्ड के पार्षद प्रमोद स्वामी ने सभी की बातों को सुनते हुए सभासदों से पूछा कि जब आप लोगों की इतनी बड़ी समस्या है तो क्या आपने कभी शहरी विकास मंत्री नगर निगम के आयुक्त, स्थानीय विधायक अथवा मुख्यमंत्री किसी को भी इस समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा था क्या?कारण इस समस्या का समाधान उच्च स्तर पर ही हो पाएगा। जहां आप लोगों को ही संपर्क करना होगा। इसके लिए एक समिति का भी गठन कर दिया जाएगा। सभा के अध्यक्ष रमेश भातरा ने अपने संबोधन में कहा कि इस समस्या का समाधान पार्षद अथवा इंजीनियर स्तर पर नहीं हो सकता।जिसने इस डंपिंग स्टेशन का प्रारूप बनाया और उसको शुरू करने की स्वीकृति दी है वही समाधान भी निकाल सकते हैं। स्थानीय विधायक व शहरी विकास मंत्री अथवा स्वयं मुख्यमंत्री ही इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। मेयर अथवा नगर निगम आयुक्त के अधिकार क्षेत्र में भी इसका स्थानांतरण नहीं रहता है। अतः हमें सात सदस्यीय समिति बनाकर उसमें दो वरिष्ठ पत्रकारों को भी सदस्य के रूप में लेकर विधायक, शहरी विकास मंत्री व मुख्यमंत्री आदि को पास स्मारक पत्र लेकर जाना होगा एवं उनको सभी डंपिंग स्टेशन से होने वाली समस्याओं से अवगत कराना होगा।इसके बावजूद भी अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो अंत में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। कचरा संग्रह केंद्र से गंदी हवा जो चारों तरफ फैल जाती है उसे रोकने के लिए इसका स्थानांतरण जरूरी है। इस गंदी हवा से फैंसी बाजार के निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। चार नंबर रेल गेट जब बंद होता है और वहां जाम में फंसी हुई गाड़ियों में बैठे हुए लोगों का दुर्गंध में हवा से जो भयंकर तकलीफ होती है उसका वर्णन हम नहीं कर सकते। बोटैनिकल गार्डन का आरंभ सुबह स्वच्छ हवा में सैर कर अथवा योगाभ्यास कर शरीर को तंदुरुस्त बनाने के उद्देश्य से किया गया था। मगर बोटैनिकल गार्डन भी कचरा केंद्र की दुर्गंध से दूषित हो गया है। जहां सुबह की सैर करने वाले इस दुर्गंधमय वातावरण में ही सैर करते हैं। फैंसी बाजार बीजेपी का गढ़ है। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य की परवाह किए बिना इस केंद्र को मंजूरी दे दी गई। जबकि ऐसा सेंटर शहर के बाहरी हिस्सों में होने चाहिए था। जब इस कचरा केंद्र की स्थापना हुई थी तो फैंसी बाजार के लोगों ने इसका विरोध किया था। तब उन्हें नगर निगम की तरफ से यह आश्वासन दिया गया था कि इस कचरे के केंद्र से किसी भी तरह की गंदी हवा बाहर नहीं जाएगी। इसकी जो उन्नत तकनीकी है उस तकनीकी से सारा कचरा स्वयं ही रीसाइक्लिंग हो जाएगा तथा उसमें एक विशेष प्रकार के केमिकल मिलाने से गंध वही मर जाएगी। लेकिन अभी इससे उल्टा ही दिखाई दे रहा है। यह कचरा केंद्र एक रीसाइक्लिंग सेंटर नही होकर कचरे की गोदाम बन गई है। गोदाम में दूसरे दिन कचरा सड़ने लगता है। रमेश भातरा ने आगे कहा कि हमें इस समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारी, मंत्री आदि से इस समस्या को लेकर निडर होकर बात करें। सभा में जल्द ही एक समिति बनाने का प्रस्ताव पारित भी किया गया।


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