राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से ताल्लुक रखने वाला एक चिकित्सक परिवार एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की भयावह दुर्घटना में असमय काल का शिकार हो गया। डॉक्टर कोमि व्यास, उनके पति डॉ. प्रतीक जोशी और उनके तीन मासूम बच्चों ने लंदन की ओर एक नई ज़िंदगी की तलाश में उड़ान भरी थी। उड़ान भरने से ठीक पहले ली गई उनकी एक सेल्फी अब पूरे देश को झकझोर रही है। एक तस्वीर जिसमें जीवन की उम्मीदें, मुस्कानें और भविष्य के सपने साफ़ झलकते हैं।
डॉ. कोमि, एक प्रतिष्ठित पैथोलॉजिस्ट, ने हाल ही में उदयपुर स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज से इस्तीफा देकर अपने पति के साथ लंदन में बसने का निर्णय लिया था। डॉ. प्रतीक, एक रेडियोलॉजिस्ट, लंदन में पहले से कार्यरत थे। दोनों ने एक नए जीवन अध्याय की शुरुआत के लिए अपने तीन बच्चों के साथ यह यात्रा शुरू की थी । जो दुर्भाग्य से उनकी अंतिम यात्रा बन गई।
12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई फ्लाइट AI-171 महज 32 सेकंड बाद संतुलन खो बैठी। विमान ने अचानक बाईं ओर झुककर ऊंचाई खो दी और कुछ ही क्षणों में आग की लपटों में घिर गया। इस भयावह हादसे में परिवार सहित अधिकांश यात्रियों की जान चली गई।
दुर्घटना में केवल एक यात्री, ब्रिटिश-भारतीय विश्वेश कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से जीवित बच पाए। उन्होंने बताया कि कैसे वह जलते विमान से निकल कर ज़िंदा बाहर आए। यह उनके लिए “मौत से वापसी” जैसा अनुभव था।
राजस्थान और पूरे देश के चिकित्सा समुदाय में शोक की लहर है। डॉ. कोमि और डॉ. प्रतीक को एक समर्पित दंपती और संवेदनशील चिकित्सकों के रूप में याद किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई उनकी अंतिम तस्वीर अब एक साइलेंट गवाही है । उन सपनों की जो कभी पूरे नहीं हो पाए।
एक परिवार जो ज़िंदगियां बचाने में लगा था, खुद ज़िंदगी से हार गया। यह सिर्फ़ एक विमान दुर्घटना नहीं थी, यह राजस्थान की धरती से निकले एक पूरे परिवार, उनके संघर्ष और उनके सपनों की करुण समाप्ति है।
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