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रिश्तों में मधुरता लाने के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स

 


देवकीनंदन देवड़ा (सूरत)

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रिश्तों में तनाव, अनबन और भावनात्मक दूरी आज के दौर में आम समस्याएं बन चुकी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन समस्याओं का समाधान केवल संवाद या काउंसलिंग तक सीमित नहीं है — घर की दिशा और संरचना भी इसमें अहम भूमिका निभाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के भीतर ऊर्जा का प्रवाह और उसका संतुलन सीधे रिश्तों पर असर डालता है। जानिए कुछ ऐसे प्रभावी वास्तु टिप्स, जो आपके रिश्तों में प्रेम, सामंजस्य और स्थिरता ला सकते हैं।

 

घर के इन हिस्सों पर दें खास ध्यान


1. मुख्य द्वार का स्थान (Proper Entrance Placement):

 घर का प्रवेश द्वार अगर वास्तु के अनुसार सही दिशा में हो, तो वह सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है। गलत दिशा में बना मुख्य द्वार रिश्तों में बाधा और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।


2. मरम्मा बिंदु मुक्त रखें (Keep Marma Points Clear):

 घर में कुछ विशेष ऊर्जा केंद्र होते हैं जिन्हें मरम्मा बिंदु कहा जाता है। इन स्थानों पर भारी वस्तुएँ, पिलर या रुकावटें नहीं होनी चाहिए। यदि ये अवरुद्ध होते हैं, तो रिश्तों में उलझन, स्वास्थ्य समस्याएं और भावनात्मक असंतुलन हो सकता है।


3. नैऋत्य कोण (Southwest Corner):

 रिश्तों में स्थायित्व और विश्वास बनाए रखने के लिए घर के नैऋत्य कोने को साफ़ और व्यवस्थित रखना जरूरी है। यह क्षेत्र ऊर्जा को स्थिर करता है और आपसी समझ में सुधार लाता है।


4. ब्रह्मस्थान (घर का केंद्र):

 घर का ब्रह्मस्थान — यानी उसका केंद्र — ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है।

● इस स्थान को हमेशा खुला और साफ़ रखें।


● यहाँ पर कोई स्तंभ (pillar), भारी सामान, शौचालय या सीढ़ियाँ नहीं होनी चाहिए।


● ब्रह्मस्थान को मुक्त रखने से सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में समान रूप से फैलती है और रिश्तों में सामंजस्य बना रहता है।


● साथ ही, इस स्थान पर गुग्गुल, लोबान या कपूर का नियमित धूप करना शांति और भावनात्मक संतुलन को बढ़ाता है।


5. अग्नि कोण में रसोई (Southeast Kitchen):

 रसोई यदि दक्षिण-पूर्व दिशा में हो, तो वह स्वस्थ अग्नि ऊर्जा को बढ़ावा देती है, जिससे घर के सदस्यों के बीच तनाव कम होता है और भोजन की ऊर्जा भी सकारात्मक रहती है।


6. तुलसी का पौधा (Tulsi Placement):

 पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा रखने और उसे रोज़ जल देने से घर में शांति और पवित्रता आती है। यह घरेलू संबंधों को सौहार्दपूर्ण बनाए रखने में सहायक होता है।

 

 बेडरूम में लाएं संतुलन और सौहार्द

1. दर्पण का स्थान:

 विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बेड के सामने दर्पण लगाने से मानसिक शांति भंग हो सकती है। दक्षिण या नैऋत्य दिशा में दर्पण लगाने से भी बचना चाहिए।


2. रंग और प्रकाश:

 सफेद, क्रीम और हल्का पीला जैसे रंग बेडरूम में अपनाने से वातावरण में मधुरता आती है। गहरे रंग जैसे काला या नीला रिश्तों में दूरी और ठंडापन ला सकते हैं।


3. कलाकृति और सजावट:

 कमरे में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए प्रेमपूर्ण चित्र या खुशहाल जोड़ों की तस्वीरें लगाएं। दुख, युद्ध या गरीबी दर्शाने वाली कलाकृतियों से परहेज करें।


4. फर्नीचर का आकार:

 गोल किनारों वाले फर्नीचर से ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है, जबकि तेज किनारे वाले फर्नीचर से अनजाने में तनाव और झगड़े की संभावना बढ़ती है।

 

विशेषज्ञों की राय

वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि इन सरल उपायों को अपनाकर न केवल घर का माहौल बेहतर बनाया जा सकता है, बल्कि रिश्तों को भी नई ऊर्जा और मजबूती मिल सकती है। "वास्तु सिर्फ दिशाओं का विज्ञान नहीं है, यह जीवन में सामंजस्य लाने का माध्यम है" 

 

नोट: ये सुझाव सामान्य वास्तु सिद्धांतों पर आधारित हैं। किसी विशेष परिस्थिति में सलाह लेने के लिए प्रमाणित वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।

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