वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी भवन, घर या कार्यालय का ब्रह्मस्थान — यानी उसका मध्य बिंदु — अत्यंत पवित्र और ऊर्जावान क्षेत्र होता है। इसे ब्रह्मा जी का स्थान माना गया है, जो सम्पूर्ण भवन में ऊर्जा के प्रसार का मुख्य स्रोत है। प्राचीन वास्तु ग्रंथों राजवल्लभ और 2-45 देवता में ब्रह्मस्थान को विशेष महत्व प्रदान किया गया है।
ब्रह्मस्थान का महत्व
वास्तु पुरुष मंडल के अनुसार सभी 44 देवता ब्रह्मस्थान की ओर मुख करके स्थित होते हैं। यह स्थान आत्मविश्वास, निर्णय शक्ति, जीवन ऊर्जा और मानसिक स्पष्टता का प्रतिनिधित्व करता है। यदि यह क्षेत्र बाधित हो जाए, तो उसका प्रतिकूल प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और पारिवारिक वातावरण पर पड़ सकता है।
ब्रह्मस्थान में क्या होना चाहिए
यदि भवन में ब्रह्मस्थान को खुला और संतुलित रखा जाए तो अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। निम्नलिखित उपाय शुभ माने गए हैं:
● सफेद रंग का प्रयोग (दीवार, फर्श या सजावट में)
● हल्का सेंटर टेबल या सोफा
● ब्रह्मा जी के प्रतीक के रूप में हंस (राजहंस) की फोटो या मूर्ति
ब्रह्मस्थान में क्या नहीं होना चाहिए
वास्तु सिद्धांतों के अनुसार ब्रह्मस्थान में निम्नलिखित निर्माण या सामग्री नहीं होनी चाहिए:
● शौचालय या स्नानघर
● सीढ़ियाँ, बीम या स्तंभ
● भारी अलमारी या फर्नीचर
● बिजली के उपकरण, इन्वर्टर या जंक्सन बॉक्स
● जूते-चप्पल या कूड़ा
ऐसे तत्व इस ऊर्जा क्षेत्र को बाधित करते हैं, जिससे रोग, मानसिक तनाव और धन की हानि जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
निर्माण संबंधी सुझाव
वास्तु के अनुसार ब्रह्मस्थान को हमेशा खुला और स्वच्छ रखना चाहिए। यदि घर में उत्तर, पूर्व और सभी दिशाएँ खुली हों और वहाँ से प्रकाश व वायु का प्रवाह हो तो यह ऊर्जा को और अधिक सक्रिय करता है।
दोषपूर्ण ब्रह्मस्थान के दुष्परिणाम
ब्रह्मस्थान में वास्तु दोष होने पर निम्न समस्याएँ देखी जा सकती हैं:
● बार-बार स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ
● आर्थिक नुकसान, उधारी और धन रुक जाना
● पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव
● निर्णय न ले पाने की स्थिति और आत्मविश्वास की कमी
निष्कर्ष
ब्रह्मस्थान न केवल भवन का वास्तु केंद्र है, बल्कि यह जीवन की स्थिरता, ऊर्जा और संतुलन का मूल स्रोत है। यदि इसे उचित रूप से संरक्षित और सुसज्जित किया जाए, तो यह सम्पूर्ण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। इसके विपरीत, यदि इसे अनदेखा किया जाए, तो यह अनेक प्रकार की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
🖋️ रिपोर्ट: देवकी नंदन देवड़ा
मो. 9377607101
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