गुवाहाटी। चेन्नई, मुंबई और लखनऊ में सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद आज यहां शंकरदेव कलाक्षेत्र में दो दिवसीय पूर्वी क्षेत्र क्षेत्रीय ओलंपिक 2025 का उद्घाटन हुआ। यह इस वर्ष नवंबर में दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता से पहले समाज के दिव्यांगजनों के लिए एबिलिम्पिक कौशल प्रतियोगिता के अंतिम क्षेत्रीय प्रतियोगिता या आयोजन का दूसरा चरण है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन असम सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश चंद साहू और मुख्य अतिथि श्री भास्कर ज्योति मंता, अपर सचिव सह निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, असम सरकार ने किया। उद्घाटन समारोह में गुवाहाटी स्थित उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आयकर उपायुक्त (मुख्यालय) मृत्युंजय बंसल, एनएएआई के महासचिव एवं सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. जितेंद्र अग्रवाल, सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के सलाहकार बोर्ड सदस्य एस.के. गुप्ता और सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के सलाहकार बोर्ड सदस्य सिद्धार्थ रस्तोगी भी उपस्थित थे।
ईस्ट ज़ोन अलिंपिक चैंपियनशिप का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय अलिंपिक संघ (एनएएआई) द्वारा सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), टीपीसीडीटी और इंडसइंड बैंक के सहयोग से किया गया था। इसमें सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उड़ीसा के प्रतियोगियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने फोटोग्राफी, पेंटिंग और सजावट, क्रोशिया, इंजीनियरिंग डिज़ाइन, हेयरड्रेसिंग, मसाज और कई अन्य व्यावसायिक कौशलों में प्रतिस्पर्धा की।
मुकेश चंद साहू ने कहा, "विकलांगता एक मुद्दे के रूप में वर्षों से विकसित हुई है और आगे भी विकसित होती रहेगी। हम सभी में क्षमता है, हममें से कोई भी पूर्ण नहीं है। हमें विकलांग लोगों के लिए अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे जमीनी स्तर के समुदाय को लाभ होगा और छिपी प्रतिभाएँ सामने आएंगी।"
असम सरकार के अतिरिक्त सचिव सह निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता भास्कर ज्योति मंता ने कहा, असम में, हम दिव्यांगजनों के लिए ऐसी पहल शुरू करने के लिए पुरज़ोर प्रयास कर रहे हैं जिनसे उन्हें दीर्घकालिक लाभ होगा। असम के दिव्यांगजन पहले ही प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर पैरालंपिक खेलों तक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके हैं। पूर्वोत्तर में अपनी तरह का यह पहला अध्ययन, समावेशी विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को और भी प्रतिबिंबित करेगा और भविष्य के लिए कुशल उम्मीदवार तैयार करेगा।
प्रतियोगिताओं के साथ-साथ, पहले दिन (22 अगस्त) दिव्यांगजनों के समावेशन और कौशल पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जहाँ समाज के विशेष सरोकार वाले मुद्दों पर विभिन्न संगोष्ठियाँ आयोजित की गईं और वक्ताओं ने प्रमुख मुद्दों पर महत्वपूर्ण भाषण दिए। इस कार्यक्रम में प्रभावी सहायक नवाचार, नीति और सामाजिक कॉर्पोरेट उत्तरदायित्व साझेदारी, समावेशी कार्यस्थल और दिव्यांगजन परिवर्तनकारी कहानियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। कौशल-संबंधी क्षेत्रों को सुदृढ़ बनाने में ओलंपिक और गैर-लाभकारी संगठनों के बीच सहयोग पर भी प्रकाश डाला गया। सरकार, निगमों, गैर-सरकारी संगठनों और दिव्यांगजन क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट वक्ताओं के साथ, अधिक समावेशी भविष्य के लिए समाधान साझेदार बनाने हेतु आमंत्रित अतिथियों ने इस दो-दिवसीय कार्यक्रम में भाग लिया।एनएएआई के महासचिव और सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्थापक और सीईओ डॉ. जितेंद्र अग्रवाल ने कहा, “यह आयोजन विकलांग लोगों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने और फिनलैंड 2027 विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अंतिम अवसर है।गुवाहाटी के विजेता नवंबर में गुरुग्राम में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय एबिलिटी ओलंपिक के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे, जहां फिनलैंड में आयोजित होने वाले विकलांग व्यक्तियों के लिए वैश्विक "कार्य कौशल ओलंपिक" में भाग लेने के लिए टीम इंडिया का चयन किया जाएगा।
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