सीकर से गए दाधीच समाज के पूर्व अध्यक्ष श्री मदन लाल इनानिया भारत वर्ष के सबसे सुदूर केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार का भ्रमण किया। उन्होंने बताया कि यहां का वातावरण एक दम साफ स्वच्छ है,प्रदूषण यहां बिल्कुल नहीं है।यहां के निवासी बहुत ही मिलनासार और मृदुभाषी है।इतनी दूरी और दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद राजस्थानी,मारवाड़ी और शेखावाटी क्षेत्र के बहुत परिवार यहां बहुत समय से व्यवसाय कर रहे है।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां दाधीच परिवार भी 1980 से अच्छे व्यवसायी के रूप में प्रतिष्ठित है।श्री राधेश्याम जी,दिनेश जी,संतोष जी पलोड पड़िहारा, परिवार(चूरू) से यहां निवास कर रहे है।पूरा पलोड परिवार बहुत ही धार्मिक,सामाजिक और व्यवहार कुशल है।
श्री इनानिया ने सेल्यूलर जेल,और तिरंगा स्थल पर जाकर शहीदों को श्रंद्धाजलि अर्पित की।
श्री इनानिया के साथ परिवार सहित गए लायन विनोद दाधीच ने बताया कि यहां सेल्यूलर जेल(काला पानी)का इतिहास बताता है कि अंग्रेज़ी हुकूमत में देश भक्त क्रांतिकारियों के साथ बहुत क्रूरता से जुल्म किया जाता था। उन सभी पूजनीय शहीदों को हृदय से नमन और उनके परिवारों को प्रणाम कि उन्होंने जान पर गंवाकर हमे आजादी दिलाई।1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सर्व प्रथम यहां तिरंगा फहराया भारत की आजादी की घोषणा की थी। पोर्ट ब्लेयर में केंद्रीय सेवा में पदस्थापित अक्षय दाधीच ने बताया कि अंडमान में मौसम सम और बारह महीनों बरसाती रहता है। यहां के लोग मेहनती है तथा नारियल,सुपारी, गन्ना, पान इत्यादि की यहां खेती होती है। चारों तरफ पानी से घिरे हुए यहां अनेकों टापू हैं जहां पर्यटक घूमने आते है।सरकार ने अंडमान का नाम अब श्री विजयपुरम कर दिया है
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