चित्र में: रेलवे हेडक्वार्टर के सीपीआरओ कपिंजल कुमार
गुवाहाटी (मालीगांव), 22 अगस्त 2025: पूर्वोत्तर भारत के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, मिजोरम बहुत जल्द भारतीय रेलवे नेटवर्क से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा। एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर ने पत्रकारों को बताया कि बैराबी-सायरंग नई रेललाइन परियोजना के तहत निर्मित अत्याधुनिक रेलवे ब्रिज पर जल्द ही ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने वाली है। यह पुल राज्य की भौगोलिक सीमाओं को पार कर राष्ट्रीय कनेक्टिविटी में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।यह परियोजना पिछले सात वर्षों से निर्माणाधीन थी। घने जंगलों, दुर्गम पहाड़ियों और कठिन भूगोल में इंजीनियरों और श्रमिकों ने मिलकर इस चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम तक पहुँचाया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह ब्रिज न केवल तकनीकी दृष्टि से एक चमत्कार है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी मिजोरम की तस्वीर बदलने वाला है।स्थानीय समुदायों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस रेलवे मार्ग से मिजोरम को एक नई दिशा मिलेगी। अब तक सड़क परिवहन पर निर्भर रहने वाला यह सीमावर्ती राज्य रेलवे कनेक्टिविटी के ज़रिए देश की मुख्यधारा से मजबूती से जुड़ पाएगा।रेल संपर्क से न केवल व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के नए अवसर भी सृजित होंगे। राज्य सरकार ने भी इस प्रोजेक्ट को “विकास की रीढ़” करार दिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मिजोरम की प्राकृतिक सुंदरता अब और अधिक लोगों तक पहुँच सकेगी। इस परियोजना से पर्यटन उद्योग को गति मिलने की संभावना है, जिससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियाँ और तेज़ होंगी।रेलवे सूत्रों ने पुष्टि की है कि ब्रिज और उससे जुड़े सेक्शन पर परीक्षण पूरे किए जा चुके हैं और जल्द ही नियमित रेल सेवाएँ शुरू कर दी जाएँगी। उद्घाटन की तारीख की घोषणा रेलवे मंत्रालय द्वारा शीघ्र की जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें