गुवाहाटी. माहेश्वरी सभा गुवाहाटी की महिला इकाई माहेश्वरी महिला समिति के सौजन्य से आसाम महेश्वरी भवन में आयोजित दो दिवसीय श्री कृष्ण रुक्मणी मंगल कथा के दूसरे दिन रुक्मणी विवाह प्रसंग में श्रोताओ की भीड़ उमड पड़ी। कथा प्रारंभ से पहले मुख्य यजमान सुनीता- विष्णु बिन्नानी व कृष्णा केदारनाथ माहेश्वरी ने व्यासपीठ की पूजा की। व्यास पीठ पर विराजमान व्यास गुरु प्रियांशु चैतन्य ने द्वितीय दिवस की कथा प्रसंग में विदर्भ देश की राजधानी कुंडलपुर के राजा भीष्मक के यहां रुक्मणी के जन्म की कथा सुनाई। रुक्मणी का जन्म पोष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को सहस्त्रमुख वाला कमल में रखी हुई एक संदूक में मोतियों व माणक के बीच हुआ था। इस प्रसंग में रुक्मणी जन्म उत्सव मनाया गया। इसके पश्चात भाव विभोर करने वाला प्रसंग उद्धव का गोकुल में प्रस्थान व उद्धव संवाद की कथा सुनाइ। राजा मुचकुंद की कथा सुनाते हुए भगवान कृष्ण के रणछोड़ नाम पडने का प्रसंग भी सुनाया। कृष्ण रुक्मणी विवाह में भगवान कृष्ण और रुक्मणी की जीवंत झांकियां के साथ बरात आगमन, वरमाला एवं मंगल फेरे के झांकी ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। इससे पहले रुक्मिणी को हल्दी व मेहंदी की रस्म पूरी की गई। रुक्मणी विवाह में यजमान सहित माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष मंत्री व अन्य सदस्यों के साथ माहेश्वरी महिला समिति की सदस्योंओ ने जमकर नृत्य किया। द्वितीय दिन की कथा में माहेश्वरी महिला समिति की अध्यक्ष वर्षा सोमानी, मंत्री पुष्पा सोनी, कार्यक्रम संयोजिका वंदना बिहानी, शोभना लढ्ढा और सरला लाहोटी के साथ कार्यकारिणी की सभी सदस्योंओ ने अपना सहयोग दिया।
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