गुवाहाटी - आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या समणी निर्देशिका भावित प्रज्ञा जी के पावन सानिध्य एवं तेरापंथ महिला मंडल गुवाहाटी की अध्यक्ष विद्या कुंडलिया के नेतृत्व में तेरापंथ धर्म स्थल के उपासना कक्ष मे एंपावरमेंट एलिवेट योरसेल्फ यानी करें स्वयं का आध्यात्मिक आरोहण नामक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भावितप्रज्ञा जी ने अपने प्रवचन में कहा कि जब तक धर्मकला नहीं सीखी जाए तब तक सारी कलाअपूर्ण मानी जाती है। छोटे-छोटे त्याग करके हम अपनी आत्मा का कल्याण कर सकते हैं। मनुष्य जन्म अनंत पुण्य से मिलता है। इस योनि में हम अच्छे व बुरे सब कार्य कर सकते हैं। हम चाहे तो स्वर्ग भी जा सकते हैं। मनुष्य के लिए चारों दरवाजे खुले हैं। इस अवसर पर समणी संघ प्रज्ञा जी ने कहा कि हमें अपने लक्ष्य को स्थिर रखना चाहिए। बिना लक्ष्य के बहुत दूरी तय करने के बाद भी लक्ष्य पर नहीं पहुंचा जा सकता। बहुत से लोग भय और आशंका के चलते अपने लक्ष्य को नहीं बना पाते हैं। कुछ लोग लक्ष्य बनाने के बाद कठिनाई और बाधाओं से घबराकर वापस लौट आते हैं। पर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो लक्ष्य बनाकर हर हालत में लक्ष्य तक पहुंचते हैं। आचार्य तुलसी ने कहा था कि एक दिशा में आगे बढ़ना ही लक्ष्य है। लक्ष्य विहीन व्यक्ति घड़ी के पेंडुलम की तरह झूलता रहता है। समणी मुकुल प्रज्ञाजी ने गीतिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण से हुआ। अध्यक्ष विद्या कुंडलिया ने आज के कार्यक्रम के संदर्भ में संक्षिप्त जानकारी दी। अंत में सह मंत्री शर्मिला महनोत ने धन्यवाद ज्ञापन किया। महिला मंडल की मंत्री मीरा सुराणा ने बताया कि आगामी 5 अगस्त रविवार को प्रातः 9:00 बजे से 11:00 बजे तक तेरापंथ धर्मस्थल में समणी वृंद के पावन सानिध्य में एवं महिला मंडल के तत्वाधान में 50 वर्ष तक उम्र के दंपत्ति के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
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