गुवाहाटी - श्री जैन श्वेतांबर मंदिर मार्ग संघ के तत्वाधान में चतुर्मास आराधना करवाने पधारी साध्वी प्रिय स्मिता श्री जी, डॉक्टर प्रिय लता श्री जी, डॉक्टर प्रिय वंदना श्री जी आदि ठाणा 6 के सानिध्य में महावीर भवन धर्मस्थल में श्री मंधर भाव यात्रा का अनूठा कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें लगभग ३५० भाई-बहनों ने भाव यात्रा करने का लाभ लिया। भाव यात्रा ध्यानपूर्वक करने के लिए सभी के आंखों पर सफेद रुमाल बांधा था। डॉक्टर प्रिय लता श्री जी, डॉक्टर प्रिय वंदना श्री जी ने यात्रा करवाते हुए पालीताणा, शिखरजी, पारसमणि तीर्थ, नाकोडा रणकपुर, गिरनार की यात्रा कराते हुए आबू पर्वत अष्टापद, नंदीश्वर द्वीप, महाविदेह क्षेत्र के दर्शन वंदना कराते हुए सिद्ध शिला पर विराजित पालीताणा आदेश्वर दादा की दर्शन कराते हुए भजनों के माध्यम से समा बांधी। शत्रुंजय, हिमालय, अष्टापद, कैलाश पर्वत, वैताढय पर्वत, मानुषोतकपर्वत, हरि वर्ष -हीम वर्ष, निषीध-महा निषीध, आदि पर्वतों की यात्रा करते हुए देव विमान से गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, ब्रम्हपुत्र व रोहित नदियों की धारा को छूते हुए घने जंगलों को पार करते हुए देव विमान आगे बढ़ रहा था। इस भाव यात्रा के लाभार्थी स्वर्गीय धर्मचंद्र कमला देवी, सुरेश लक्ष्मी कोठारी परिवार मोरीगांव थे। जिन्होंने इन्द्र राजा और रानी बन कर सभी को भाव यात्रा करवाई एवं सभी को गौतम प्रसादी का लाभ दिया। लगभग 27 तपस्वी भाई-बहन गौतम लबधी तपकर रहे हैं। जिनके 18 दिन तक एक दिन उपवास और एक दिन बेसणा रहता है। मुन्नी देवी फलौदीया के ११ की तपस्या, कमल पटवा के १२ की तपस्या, मंजू बेताला के ८ की तपस्या व आशीष बोथरा के ९ की तपस्या चल रही है। तेला-बेला आदि तपस्या भी चल रही है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रेमचंद खजांची ने भावी कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रेमचंद खजांची ने भावी कार्यक्रमों की जानकारी दी। भोजन समिति के मनोज बांठिया ने प्रसाद की व्यवस्था सुचारु रुप से की। चतुर्मास समिति के संयोजक राजेंद्र डाकलिया ने सभी का आभार जताया।
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