श्याम सुंदर आसोपा 2018 - 20 सत्र के लिए अध्यक्ष मनोनीत
गुवाहाटी - पूर्वांचल भारतीय दाधीच परिषद द्वारा छत्रीबाड़ी ब्राह्मण भवन में दो दिवसीय कार्यक्रम के साथ आज दधीचि जयंती का समापन हुआ। प्रथम दिवस के उपलक्ष में पूजा अर्चना के साथ दधिमति माता मंगल पाठ रमेश दाधीच व उम्मीद शर्मा के द्वारा किया गया। इस अवसर पर माता का भव्य दरबार सजाया गया एवं महेश मिश्र ने सरुपथार से माता का शीश लाकर दरबार में स्थापित किया। कार्यक्रम संयोजक रतनलाल तैतरवाल ने मुख्य यजमान के रूप में पूजा अर्चना की। इस अवसर पर परिषद के अध्यक्ष श्यामसुंदर करेसिया ने कहा कि दाधीच ब्राह्मण की कुलदेवी दधिमति शक्ति स्वरूप मां दुर्गा का ही एक अंश है। राजस्थान के नागौर जिले के गोठ मांगलोद में मां का कपाल शक्तीपीठ अवस्थित है। सचिव चंद्रशेखर ईटोदिया ने कहा कि दधिमथी महर्षि दधीचि की बहन है। दधिमथी मंगलपाठ हम सबके लिए मंगलमय हो।
कार्यक्रम के दूसरे दिन रुद्राभिषेक के पश्चात आरती और प्रसाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परिषद की साधारण सभा का आयोजन अध्यक्ष श्यामसुंदर करेसीया की अध्यक्षता में हुई। जिसमें सचिव चंद्रशेखर इंटोदिया ने गत वर्ष का प्रतिवेदन व आय व्यय का ब्यौरा पढ़कर सुनाया जिसे सभी ने सर्वसम्मति से पारित किया। चुनाव अधिकारी चुन्नीलाल सोसी और सह- चुनाव अधिकारी ओम प्रकाश दाहिमा की देखरेख में चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ की गई। चुनाव अधिकारी ने घोषणा करते हुए श्याम सुंदर शर्मा (आसोपा) को सन 2018 - 20 के लिए अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया एवं उन्हें मां दधिमति के दरबार मैं पद की शपथ दिलाई। श्री आसोपा ने अपनी कार्यकारिणी के सदस्यों के नामों की घोषणा करते हुए उपाध्यक्ष पद के लिए विमल काकड़ा और कमल तिवारी का नाम मनोनीत किया। सचिव पद के लिए चंद्रशेखर इंटोदिया, कोषाध्यक्ष पद के लिए विनोद जाजोदिया और संयुक्त मंत्री के पद के लिए कैलाश पलोड़ और राजेश गोठेचा को मनोनीत किया गया। इन पदाधिकारियों को भी चुनाव अधिकारी ने पद की शपथ दिलाई। नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने बाकी के कार्यकारिणी सदस्यों के नामों की घोषणा की जिन्हें शिवकुमार पाटोदिया ने शपथ ग्रहण करवाई। इस अवसर पर मंच पर परिषद के संरक्षण सदस्य जय नारायण बहड़ और भालचंद्र गोठेचा भी उपस्थित थे। इस अवसर पर समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धी प्राप्त बच्चों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संचालन में ओम प्रकाश दाहिमा और संपत मिश्र ने मुख्य भूमिका निभाई। इस वर्ष सिलचर, डिगबोई, सरुपथार से भी दाधीच बंधुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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