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श्री पांडु नाथ गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया


गुवाहाटी - ब्रम्हपुत्र नद के तट पर अवस्थित महाभारत कालीन प्राचीन गणेश मूर्तियों से प्रतिष्ठित श्री पांडु नाथ गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्मोत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में कार्यक्रम का शुभारंभ के लिए दीप प्रज्वलित करते हुए असम साहित्य सभा के सभापति डॉक्टर परमानंद राजवंशी ने कहा कि षष्ठ गणेश का यह मंदिर अति प्राचीन काल का है। प्राचीन काल में कामाख्या दर्शन से पहले यहां गणेश जी का दर्शन करने की परंपरा थी। मंदिर से हनुमंत पथ के द्वारा कामाख्या मंदिर जाया जाता था। मगर हनुमंत पथ के विलुप्त होते ही यह परंपरा भी विलुप्त हो गई। आज स्थानीय वासी इस परंपरा को पुनः शुरू करने की कोशिश में लगे हुए हैं। राजबंशी ने आगे कहा कि मैं साहित्य सभा के अध्यक्ष के नाते पुरातत्व विभाग, पर्यटन विभाग व असम सरकार से अनुरोध करूंगा कि इस मंदिर को आकर्षक बनाकर इसे दर्शनीय स्थल के रूप में परिवर्तित करें। इससे पहले डॉक्टर राजवंशी, वरिष्ठ कवि शंकर लाल पारीक व गणेश जन्मोत्सव आयोजक समिति के अध्यक्ष अशोक थर्ड ने दीप प्रज्वलित करके गणेश की पूजा अर्चना के पश्चात मंदिर में स्थापित राजस्थान के रणथंभोर गणेश मंदिर की ज्योति के दर्शन किये। इस अवसर पर आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में कैलाश खेतान ने डॉक्टर राजवंशी का फुलाम गमछा से अभिनंदन किया। पाण्डूनाथ गणेश मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव निमाई दास ने मंदिर के इतिहास के बारे में बोलते हुए कहा कि प्रारंभ काल में बगुला परिवार इस मंदिर में पूजा-अर्चना करता था मगर मंदिर में किसी तरह की आय नहीं होने के कारण उन्होंने इसे त्याग दिया। तब स्थानीय लोगों ने यहां पूजा अर्चना करके मंदिर निर्माण के लिए खनन कार्य करना शुरू किया। खनन कार्य में विष्णुपाद शिला, सूर्य चंद्र शिला, शिव और गणेश की छः प्रतिमाएं खुदाई में मिली। जिन्हें विधि पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा करके पूजा-अर्चना प्रारंभ हुई। निमाई दास ने मंदिर के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि प्राचीन काल में इन मूर्तियों की स्थापना पांडवों ने अपने अज्ञातवास काल में की थी। मुख्य मूर्ति की पूजा युधिष्टर स्वयं करते थे और बाकी पांच मूर्ति की पूजा द्रोपदी सहित अन्य पांडवों ने की थी। आज प्रातः काल मुख्य यजमान मानक जैन के अलावा सतीश जैन, प्रिंस अग्रवाल, मनीष जैन ने अभिषेक और महा आरती की। इस व्यवस्था में कैलाश खेतान, दिनेश केजरीवाल, राजेश केजरीवाल ने सक्रिय रुप से सहयोग दिया। संपूर्ण मंदिर को रंग बिरंगे बैलून से आकर्षक रूप से सजाया गया। श्रद्धालुओं का दर्शन व पूजा अर्चना के लिए आज देर रात तक आना जाना लगा रहा। स्थानीय महिला समिति ने नगाड़ा नाम प्रस्तुत कर के मंदिर को गुंजायमान कर दिया।






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