रंगीया से अरुणा अग्रवाल
विश्व के समस्त ब्राह्मण बंधुओं को एक सूत्र मे पिरोने के लिए महा संपर्क अभियान
रंगिया। 5 मार्च 2017 को राजस्थान, झुंझुनू के लोहार्गल से विश्व ब्रह्मांड महापरिषद व ब्रह्म परशुराम अखाड़ा द्वारा आचार्य राजेश्वर जी महाराज के नेतृत्व मे प्रारंभ की गई अखंड भारत श्री परशुराम जी की यात्रा विभिन्न राज्यों और शहरों से होती हुई शुक्रवार 14 जून को सायं 6 बजे रंगिया के श्री श्री राधाकृष्ण मंदिर पहुंची जहां इसका भव्य स्वागत किया गया। ब्राह्मण समाज के साथ-साथ सभी समाज के लोगों ने बड़े उत्साह के साथ श्री श्री राधाकृष्ण मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करते हुए भगवान परशुराम जी की आरती उतारी तथा इस मौके पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने युगल पीठाधीश्वर आचार्य श्री राजेश्वर जी महाराज और इस यात्रा मे उनके साथ आए सभी सहयोगियों को फुलाम गामोछा से स्वागत किया। इसके पश्चात कार्यक्रम के दौरान आचार्य राजेश्वर जी महाराज ने उपस्थित लोगों को इस रथयात्रा का उद्देश्य और इस यात्रा से समाज के हित को बताते हुए आराध्य भगवान श्री परशुराम जी के जीवन वृतान्त को लेकर प्रवचन दिया । इसके साथ हि उन्होंने बताया कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य इसके माध्यम से देशभर में फैले 11 करोड़ ब्राह्मणों को एक सूत्र मे पिरोना है इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी यह यात्रा सड़क मार्ग से संपूर्ण भारत के सभी राज्यों से होती हुई 1 लाख 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी जो कि राष्ट्र मे अबतक की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली रथयात्रा होगी। अबतक उन्होंने 18 राज्यों से होते हुये 50 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है। इसके अलावा मौके पर उन्होंने इस यात्रा के दूसरे उद्देश्य का उल्लेख करते हुए बताया कि इतनी लंबी दूरी तय कर वे इस यात्रा को गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड और लिंका वर्ल्ड ऑफ़ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना चाहते है। रथ यात्रा के रात्रि विश्राम के पश्चात आज सुबह 9 बजे समाज बंधुओं ने गाजे बाजे और भव्य शोभायात्रा के साथ इस रथयात्रा को आगे के लिये प्रस्थान कराया। मालूम हो कि इस रथयात्रा का समापन देश के 700 जिलों व 5000 कस्बो व गाँवों की यात्रा के पश्चात इसका अंतिम पड़ाव कुरुक्षेत्र के बाद ई. 2020 के 1 मार्च को नई दिल्ली में किया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें