चंडीगढ़। पेरोल को लेकर अब विवादों में आये डेरा सिरसा मुखी प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने आज अपनी पेरोल अपील वापस ले ली है। डेरा के अधिकृत सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। वापस लेने का कारण तकनीकी बताया जा रहा है। करीब एक सप्ताह से इस पेरोल अपील को लेकर पंजाब , हरियाणा व चंडीगढ़ में राजनीतिक व् अन्य सरगर्मियां तेज़ हो गई थी। आज सिरसा में भी शहर के विभिन्न संगठनों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल भी जिला आयुक्त से मिला था और पेरोल को खतरा बताया था।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया था कि पेरोल मिलने सी सम्भावना को देखते हुए डेरा के श्रद्धालुओं ने सिरसा में भारी संख्या में जुड़ना शुरू का दिया था। दिलचस्प बात यह भी है कि हरियाणा के किसी भी राजनीतिक दल ने डेरा मुखी की पेरोल का विरोध नहीं किया था। परन्तु पंजाब में विभिन्न सिख संगठनों ने डेरा मुखी को हरियाणा सरकार द्वारा पेरोल देने की सम्भावना का विरोध करना शुरू कर दिया था। हरियाणा के जेल मंत्री ने भी डेरा मुखी को पेरोल देने पर नरम रुख दिखाया था और कहा था कि एक वर्ष तक के कारावास के दौरान अच्छा व्यवहार रहना पेरोल के पक्ष में है। उल्लेखनीय है कि डेरा मुखी ने खेती के लिए 42 दिन की पेरोल मांगी थी। डेरा मुखी की कृषि जमीन को लेकर भी विवाद खड़े हो गए थे। अगस्त माह में डेरा में हर वर्ष बड़ा समागम होता है और ऐसा माना जा रहा था कि पेरोल मिलने पर कोई गड़बड़ी भी हो सकती है। (हि.स.)
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