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रंगिया: तुलसीबाड़ी के धार्मिक स्थल गोरोखिया गोपाल मारली थान मे डेढ़ लाख भक्तों का समागम


                      रंगिया से अरुणा अग्रवाल

रंगिया। रंगिया महकमा के अंतर्गत तुलसीबाड़ी स्थित ऐतिहासिक धार्मिक स्थल गोरोखिया गोपाल मारली थान का 36 वां वार्षिक महोत्सव व मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव तीन दिवसीय कार्यक्रमों के साथ सोमवार, 27 जनवरी को संपन्न किया गया। इस महोत्सव के अंतर्गत हरवर्ष राज्य के विभिन्न प्रांतों से यहाँ लाखों भक्तों का  समागम होता है, जो अपनी मनोकामनाओ के साथ भगवान गोरोखिया गोपाल के समक्ष धुप-दीप तथा पूजा-अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। मालूम हो कि इस महोत्सव का शुभारंभ प्रतिवर्ष की भाँति इसबार भी 25 जनवरी को सुबह 11 बजे भागवत स्थापना से किया गया था। इसदिन शाम को विशिष्ट व्यवसाय विनोद शर्मा द्वारा मुख्य मंडप का उद्धघाटन तथा विशिष्ट व्यवसाय  दिगन्त कलिता द्वारा मंदिर द्वार का उद्धघाटन के अलावा दिप प्रज्वलन स्थली का उद्धघाटन पूर्व शिक्षा मंत्री थानेश्वर बोड़ो द्वारा किया गया। साथ ही वाणिज्य मेला का उद्धघाटन थान संचालन समिती के अध्यक्ष देवब्रत राजबंशी ने किया। नित्य प्रसंग, धार्मिक ध्वजारोहण, स्मृति तर्पण आदि कार्यक्रम के साथ द्वितीय दिन के कार्यक्रम का शुभारम्भ सुबह 9 बजे भव्य भागवत शोभा यात्रा के साथ किया गया जिसका उद्घघाटन वटद्रवा क्षेत्र की विधायिका तथा अभिनेत्री अंगुरलता डेका ने किया।

इसके पश्चात इसदिन सुबह 10 बजे महोत्सव संचालन समिती के अध्यक्ष मोमात कलिता की उपस्थिति मे एक विशाल धर्मालोचनी सभा आयोजित की गयी जिसका उद्धघाटन रंगिया शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के अध्यक्ष डा० पार्थ फुकन महंतो ने किया। इसमे मुख्य अतिथि के रुप में असम साहित्य सभा की नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष मृणालिनी देवी, निर्दिष्ट वक्ता के रुप मे श्रीमंत शंकरदेव संघ के मुख्य सचिव बाबुल बोरा, आमंत्रित अतिथी के रूप मे शंकरदेव संघ के पूर्व पदाधिकारी भवेन्द्र नाथ डेका , एमट्रोन के अध्यक्ष दिनमनी भंडार कायस्थ, जिला परिषद की सभानेत्री रीता तालुकदार सहित बहुत से गणमान्य लोग उपस्थित थे। इसके पश्चात पाण्डुरी जिला परिषद के सदस्य लिटन कलिता द्वारा महाप्रभु  का सामूहिक भोग क्षेत्र का उद्धघाटन किया गया।

इस विशाल पथार मे डेढ़ लाख से भी अधिक भक्तों ने एकसाथ उपस्थित होकर भगवान का भोग ग्रहण किया। जो इस महोत्सव के मुख्य आकर्षण का केंद्र था। मालूम हो कि इस महाभोग के रूप में 1500 थालियां खिचड़ी बनाई गयी थी जिसको बनाने के लिये 100 चूल्हे लगाए गये तथा 500 रसोईयो को रखा गया था। इस महाभोग के सुचारू रूप से वितरन के लिये डेढ़ हजार स्वेच्छासेवको ने अपनी सेवाएं दी। इसदिन असम के ख्याति प्राप्त नागरा नाम शिल्पी क्रमशः महेश डेका, मुनीन सैकिया और चंडी पटवारी द्वारा आयोजित नागरा नाम ने उपस्थित भक्तों का मन मोह लिया। समापन कार्यक्रम के अंतर्गत आज 27 जनवरी सोमवार को सुबह दिहानाम प्रतियोगिता, पुरस्कार वितरण सहित  शाम को डालिमी पटवारी और गीतारानी दास के नागरा नाम से क्षेत्र भक्तिमय हो गया।इसके साथ ही शाम को भक्तों द्वारा सामूहिक दीप प्रज्वलन के साथ महोत्सव संम्पन्न किया गया।

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