गुवाहाटी। दक्षिण पूर्वी एशिया की सबसे बड़ी क्राउडफंडिंग संस्था मिलाप ने जरूरत के समय एक दूसरे की आर्थिक मदद देने की प्रक्रिया के तहत असम में अब तक लगभग 700 करोड रुपए की पूंजी का इस्तेमाल किया है ।बेंगलुरु स्थित मिलाप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा सहायक संस्थापक मयुख चौधरी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की जानकारी दी है । उन्होंने बताया कि विगत दो सालों में असम में जरूरत के समय एक दूसरे के लिए पूंजी संग्रह करने की व्यवस्था लगभग 3 गुना बड़ी है। इन दो सालों में असम में पूंजी संग्रह व्यवस्था में कुल संग्रह एक से तीन करोड़ तक वृद्धि ही नहीं हुई है बल्कि फंडरेजर अर्थात पूंजी संग्रह कर्ताओं की संख्या में पिछले एक साल में दो गुना बढ़ा भी है ।इससे यह प्रतीत हुआ है कि जरूरत में लोगों से मदद मांगना व मदद लेने की मात्रा के साथ ही इस व्यवस्था में मिलाप जैसे त्वरित व डिजिटल प्रक्रिया की प्रशंसा भी हुई है। 2019 में असम में बाढ़ के दौरान 70 फंड संग्राहकों ने लगभग 40 लाख रूपये की पूंजी जमा कराई थी। जो असम में सर्वप्रथम इस प्रक्रिया से किया गया पूंजी संग्रह है। श्री चौधरी ने कहा कि मिलाप के जरिए हुए पूंजी संग्रह इलाज के लिए होता है। असम में अब तक अपने प्रिय तथा परिजनों की जरूरी कालीन एवं जटिल चिकित्सा के लिए लगभग तीन करोड की पूंजी का गठन किया गया है।
हाल ही में डिब्रूगढ़ चिकित्सा महाविद्यालय के प्रथम वर्ष का ब्लड कैंसर पीड़ित छात्र अब्दुल रहमान के बोन मेरू प्रत्यारोपण के लिए उनके दोस्तों ने मिलाप के ऑनलाइन फंड रेजिंग से लगभग 11 लाख की राशि संग्रह की। बाद में मुंबई में उसका इलाज हुआ तथा वर्तमान वह लगभग स्वस्थ हो गया है। उन्होंने कहा कि क्राउडफंडिंग के क्षेत्र में हाल फिलहाल जागरूकता बढ़ी है और इस क्षेत्र में चिकित्सकों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।अधिकांश मामलों में मरीज के आर्थिक अभाव के कारण चिकित्सा बीच में अचानक रुक जाती है। कई मामलों में चिकित्सक मिलाप जैसी ऑनलाइन फंडरेजिंग व्यवस्था का परामर्श देते हैं। मालूम हो कि आज की तारीख में आर्थिक अभाव के कारण जरूरी कालीन सेवा से वंचित कोई भी व्यक्ति अथवा परिवार के लिए पूंजी संग्रह करने में पहल की इच्छा रखने वाला व्यक्ति फंड रेजर अथवा पूंजी संग्रहकारी मिलाप से 99161 74848 व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। मालूम हो कि मिलाप के जरिए केवल चिकित्सा ही नहीं खेल , प्राकृतिक आपदा, शिक्षा सहित अन्य कई विषयों में आर्थिक पूंजी गठन की पहल की जा सकती है।
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