नौगांव ।होली के पावन अवसर पर विश्व प्रसिद्ध और असम की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धुरी महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली श्री श्री बटद्रवा थान में तीन दिवसीय दौल उत्सव के अंतर्गत एक सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया। थान परिचालन समिति के तत्वाधान में आयोजित इस समारोह में असम के नरोवा सत्र के सत्राधिकार एवं थान परिचालन समिति के सभापति देवानंद देव गोस्वामी , साधारण सचिव इंद्रमोहन बोरा सहित मुख्य अतिथि असम सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव बोरा , कोच राजवंशी साहित्य सभा के अध्यक्ष डॉ दिजेन्द्र नाथ भकत , नगांव के जिला उन्नयन आयुक्त भूपेश दास, मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल शर्मा , बोडो समाज के डाकोवाल ठाकुरिया , श्रीमंत शंकर संघ के खगेन माहेला भी मंच पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर विराजमान रहे ।
सभा का संचालन करते हुए सचिव् बरुआ ने थान द्वारा सभी जनगोष्ठी एवं सम्प्रदायों के समन्वय पर बल दिया । सभापति एवं सत्राधिकार देवगोस्वामी ने श्रीमंत शंकर देव की शिक्षाओं के बारे में प्रकाश डाला । मुख्य अतिथि राजीव बोरा ने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में श्रीमन्त शंकरदेव की शिक्षाओं का महत्व और भी ज्यादा है ।सभा क़ो मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों ने सम्बोधित किया ।
नगांव मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने अपने सम्बोधन में श्रीमंत की जन्मस्थली का नमन करते हुए असमिया मारवाड़ी समाज के श्री बटद्रवा थान में सुदीर्घ समन्वय की चर्चा की। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रदालुओं के इस समारोह में सम्मलेन की नगांव शाखा के सचिव ओम प्रकाश जाजोदिया , उपाध्यक्ष ललित कुमार कोठारी व् सह सचिव दिलीप शोभासरिया भी उपस्थित थे।
तत्पश्चात , मुख्य अतिथि राजीव बोरा ने विभिन्न जनगोष्ठियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्य क्रम का उद्घाटन किया । इस अवसर पर आयोजित मेले में हजारों श्रदालुओं ने शिरकत की ।श्री श्री बटद्रवा थान परिचालना समिति द्वारा मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों का फुलाम गमछा , सेलेंग , सराई , आसन एवं प्रशस्ति पत्र के द्वारा परंपरागत तरीके से सम्मान किया गया ।
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