अनोज कुमार प्रजापति
छात्र समाज कभी अस्तित्व विहीन नहीं हो सकता- चित्तरंजन बसुमतारी
जोनाई। छात्र समाज का इतिहास बहुत लम्बा हैँ, छात्र समाज कभी विचलित नहीं होता, यह कहना हैँ अखिल असम छात्र संघ के केन्द्रीय समिति के उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर नई पारी की शुरुआत करने वाले चित्तरंजन बासुमतारी का।विदाई सभा का आयोजन जोनाई और बाहिर जोनाई आंचलिक समिति के सहयोग से आज जोनाई टाउन क्लब के प्रांगण में किया गया। विदाई सभा का संचालन आसू के जिला समिति के सलाहकार भाग्यवान दलै ने किया। विदाई सभा में आसू सहित विभिन्न दल और जातीय संगठनों के नेताओं और शिक्षको-प्रवक्ता तथा आसू के पुर्व नेताओ ने गमगीन माहौल में उनको विदाई दिया। विदाई सभा को संबोधित करते हुए श्री बसुमतारी ने कहा कि 1998 में आसू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद से अपने बाइस वर्षों के कार्यकाल के दौरान जोनाई आंचलिक समिति, महकमा समिति, जिला समिति में सचिव और अध्यक्ष तथा केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष पद तक के सफर की यादें के बारे में बताते हुए उनकी आंखों झलकने लगे। साथ ही उन्होने आने वाले दिनों में राज्य के लोगो की सेवा के लिये नई पारी की शुरुआत करने में सभई लोगो से सहयोग की अपील की। जोनाई महकमा तथा जोनाई आंचलिक छात्र संघ की ओर से चित्तरंजन बासुमतारी के लिये आयोजित बिदाई समारोह में आसू कि केन्द्रीय समिति के कार्यवाही सदस्य गोपाल दास, मंटूराज बरूवा, धेमाजी जिला समिति के अध्यक्ष दिपक शर्मा, उपाध्यक्ष राजीव गोगोई, सलाहाकार भाग्यवान दलै, सहसचिव संजीव दास, साहित्य सचिव देबेन डेका, प्रचार सचिव कैलाश मिरी, मुख्य सांगाठनिक सचिव दिलीप कुटुम, सुचना सचिव देबजीत मोरान, जोनाई महकमा छात्र संघ के अध्यक्ष रंजित बसुमतारी, सचिव नयन ज्योति बोरा, जोनाई आंचलिक समिति के अध्यक्ष मानस प्रतीम बोरा , राजरिसी पेगु ,बाहिर जोनाई छात्र संघ के अध्यक्ष मेदिनी दलै, सचिव चंद्रकांत बोरा सहित असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद की धेमाजी जिला समिति के अध्यक्ष ज्ञान शर्मा का साथ ही अंचल के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। उल्लेखनीय हैं कि चित्तरंजन बसुमतारी के सम्मान में आयोजित आज जोनाई से गोगामुख तक विदाई सभा का आयोजन किया गया।
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